Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में 15वीं विधानसभा के चुनाव कल होने वाले हैं. प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों ने सत्ता में आने के सभी प्रयास कर लिए हैं. जहां भाजपा तीसरी बार जीत के साथ प्रदेश में अपनी सरकार बनाने पर जुटी हुई है, तो वहीं कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापस आने के लिए जनता के बीच पहुंच समर्थन की मांग कर रही है. सभी दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी सारी ताकत झोंक दी है. जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है. भाजपा ने भी कांग्रेस में चल रही अंदरुनी कलह का खूब फायदा उठाया है. साथ ही दलित और आरक्षण के मुद्दे पर भी कांग्रेस को घेरा है. खैर, अब कल हरियाणा की जनता अपने मत का इस्तेमाल कर राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर देंगी. और 8 अक्तूबर को चुनावों के नतीजे भी घोषित हो जाएंगे. तो आइए ऐसे में जानें हरियाणा की 90 सीटों में से कितनी सीटों की गिनती हाई प्रोफाइल में होती है.
लाडवा विधानसभा सीट
हरियाणा की 90 सीटों में से एक लाडवा विधानसभा सीट पहले काफी मामूली सीटों में शामिल थी, लेकिन भाजपा ने इस बार इस सीट से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को टिकट दी है. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम सैनी करनाल सीट से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन लाडवा सीट से नायब सिंह सैनी को मैदान में उतार कर भाजपा ने पूरी गेम बदल दी है. कांग्रेस ने उम्मीदवार मेवा सिंह को उम्मीदवार चुना है. इनेलो-बसपा ने नायब सिंह सैनी के खिलाफ सपना बरशामी पर दांव लगाया है. साल 2009 में इस सीट पर सपना के ससुर शेर सिंह बरशामी ने जीत हासिल की थी. बता दें फिलहाल इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मेवा सिंह विधायक है.
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गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा सीट
इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा का काफी दबदबा रहता है. वह इस सीट से वर्तमान में विधायक भी है. इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भूपेन्द्रर हुड्डा को टिकट दी है. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बीजेपी ने मंजू हुड्डा को मैदान में उतारा है. मंजू हुड्डा हरियाणा के गैंगस्टर की पत्नी और पूर्व डीजीपी की बेटी है. इस बार होने वाले चुनाव में इस सीट का खास महत्व है. आपको बता दें, इस सीट पर ज्यादातर वोटर्स जाट जाति से आते हैं.
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अंबाला कैंट विधानसभा
अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर बीजेपी के नेता और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज 6 बार से चुनाव जीतते हुए आ रहे हैं. भाजपा के नेतृत्व में अनिल विज 3 बार इस सीट से विधायक बन चुके हैं. अब अनिल विज 7वीं बार विधायक बनने के लिए इस सीट से मैदान में उतरे हैं. भाजपा ने इन पर भरोसा जताते हुए इन्हें अंबाला कैंट से टिकट दी है. इस सीट पर अनिल विज का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार परमिंदर सिंह परी और कांग्रेस बागी विधायक चित्रा सरवारा से होगा. इस सीट पर होने वाला मुकाबला काफी टक्कर माना जा रहा है.
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उचाना कलां विधानसभा सीट
उचाना कलां विधानसभा सीट की गिनती हमेशा से हॉट सीटों में होती है. इस सीट को जाट का बहुल्य भी कहा जाता है. वर्तमान में इस सीट से जेजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक है. इस बार उचाना कलां सीट पर कांटे का त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. जेजेपी से दुष्यंत चौटाला, बीजेपी से देवेन्द्र अत्री और कांग्रेस ने हाल ही में भाजपा छोड़ पार्टी में शामिल हुए बृजेन्द्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.
पिछली बार 2019 में हुए चुनावों में जेजेपी ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया था और दूसरे स्थान पर भाजपा थी, लेकिन बाद में दोनों दलों के बीच गठबंधन की सरकार बनी थी, जो इस साल मार्च में टूट गई थी.
तोशाम विधानसभा सीट
तोशाम सीट को हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल के परिवार का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर फिलहाल कोई विधायक नहीं है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद इस सीट से विधायक किरन चौधरी ने बेटी श्रृति चौधरी संग कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. कल यानी 5 अक्तूबर को होने वाले चुनाव में बीजेपी ने इस बार किरन चौधरी की बेटी श्रृति चौधरी को मैदान में उतारा है. श्रृति के खिलाफ उनके चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर होने वाले चुनाव राजनीतिक न रहकर पारिवारिक हो गया हैं.
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रानिया विधानसभा सीट
हरियाणा की 90 सीटों में से एक रानिया विधानसभा सीट को इनेलो का गढ़ माना जाता है. वर्तमान समय में यह सीट खाली है. लोकसभा चुनाव के दौरान रणजीत चौटाला ने इस सीट की विधायिका पद से इस्तीफा दिया था और भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा ने लोकसभा चुनाव के समय रणजीत चौटाला को हिसार से टिकट भी दी थी, लेकिन रणजीत चौटाला को यहां से हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से टिकट न मिलने पर रणजीत चौटाला ने निर्दलीय रुप से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इस बार रानिया सीट पर रणजीत चौटाला का मुकाबला उनके पोते अर्जुन चौटाला से होगा. अर्जुन चौटाला इनेलो से टिकट लेकर पहले बार चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने इस सीट पर शशिपाल कम्बोज और कांग्रेस ने सर्व मित्र कम्बोज को मैदान में उतारा है. जेजेपी-एसपी इस सीट पर निदर्लीय उम्मीदवार रणजीत चौटाला को समर्थन देंगे.
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ऐलनाबाद विधानसभा
इस सीट पर चार बार जीत कर विधायक बने इनेलो उम्मीदवार अभय चौटाला का दबदबा है. लेकिन इस बार होने वाले चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला होने वाला है. क्योंकि अभय चौटाला के खिलाफ कांग्रेस ने भरत सिंह बेनीवाल को मैदान में उतारा है. जहां एक तरफ अभय चौटाला को शहरी वोर्टस का सपोर्ट है, तो भरत सिंह बैनीवाल को ग्रामीण वोटर्स का पूरा समर्थन मिलते हुए नजर आ रहा है. जेजेपी-एसपी ने इस सीट से अंजनी लड्डा का टिकट दी है.
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