जेलों में जाति-आधारित भेदभाव को खत्म करने की मांग पर दायर की गई जनहित याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जाति पूछकर काम देना अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है. कोर्ट अदालत ने कहा कि जेल मैनुअल निचली जाति को झाडू और सफाई का काम देना और उच्च जाति को खाना पकाने जैसे काम देना लोगों के मन में जाति भेदभाव का स्थिती उत्पन्न करता है.
Supreme Court, while delivering its verdict on a PIL seeking prevention of caste-based discrimination and segregation at prisons, says that manual directly discriminates by assigning cleaning and sweeping tasks to lower caste and assigning cooking to higher caste and it is in… pic.twitter.com/dRGUsEtXIE
— ANI (@ANI) October 3, 2024
आगे कोर्ट ने कहा कि इस तरह की नियम जेलों में श्रम का अनुचित ढंग से विभाजन करता है. और कोर्ट इस तरह के जाति के आधार पर काम देने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं देता है. शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्रप्रशासित देश में जेलों के मैनुअल को जल्द बदलने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कैदियों की जाति से जुड़ी जानकारी को डिटेल्स में शामिल करना पूरी तरह से असंवैधानिक है.
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