One Nation, One Election: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ से जुड़ी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी. समिति ने देश में केन्द्र, राज्यों और स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव कराने से जुड़ी व्यवस्था पर अपनी सिफारिशें प्रदान की हैं.
#Cabinet accepts the recommendations of the High Level Committee pertaining to 'One Nation One Election'
The implementation will take place in two phases, as recommended by the committee. In the First phase, Lok Sabha and Assembly elections will be held, simultaneously
In the… pic.twitter.com/uvLa99C3hS
— PIB India (@PIB_India) September 18, 2024
केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने आज कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब सरकार इस विषय पर व्यापक समर्थन जुटाने का प्रयास करेगी और समय आने पर इस पर संविधान संशोधन विधेयक लाया जाएगा.
अश्वनी वैष्णव ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों और बड़ी संख्या में पार्टियों के नेताओं ने वास्तव में एक देश एक चुनाव पहल का समर्थन किया है. उच्च-स्तरीय बैठकों में बातचीत के दौरान वे अपना इनपुट बहुत संक्षिप्त तरीके और बहुत स्पष्टता के साथ देते हैं. हमारी सरकार उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास करती है, जो लंबे समय में लोकतंत्र और राष्ट्र को प्रभावित करते हैं। यह एक ऐसा विषय है, जिससे हमारा देश मजबूत होगा.
विपक्ष, खासकर कांग्रेस के इस पहल का विरोध करने के बारे में वैष्णव ने कहा कि समिति को मिली सिफारिशों पर 80 प्रतिशत से ज्यादा खासकर युवाओं ने एक साथ चुनाव कराने का पक्ष रखा है। उन्हें लगता है कि आने वाले समय में विपक्ष इस संबंध में आंतरिक दबाव महसूस कर सकता है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के मौजूदा कार्यकाल में एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू किया जाएगा.
वैष्णव ने कहा कि देश में 1951 से 1967 तक एक साथ चुनाव होते रहे हैं. इसके बाद 1999 में विधि आयोग ने अपनी 170वीं रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि पांच साल में लोकसभा और सभी विधानसभाओं का एक चुनाव होना चाहिए ताकि देश में विकास होता रहे. उन्होंने बताया कि 2015 में संसदीय समिति ने अपनी 79वीं रिपोर्ट में सरकार से दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने के तरीके सुझाने को कहा था. इसके बाद, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया और उस समिति ने राजनीतिक दलों, न्यायाधीशों, संवैधानिक विशेषज्ञों सहित हितधारकों के व्यापक स्पेक्ट्रम से व्यापक परामर्श किया.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था. समिति ने इस संबंध में विभिन्न पार्टियों और हितधारकों से इस पर विचार किया और पिछली सरकार के दौरान ही अपनी सिफारिशें दीं. इसमें प्रस्ताव किया गया है कि एक अवधि के बाद सभी राज्यों की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल छोटा कर एक साथ चुनाव करायें जायें. केन्द्र और विधानसभा में चुनाव के थोड़े समय बाद ही नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव कराए जायें. बहुमत न मिलने और अल्पमत की स्थिति में दोबारा चुनाव कराए जाने पर कार्यकाल केवल बाकी बचे समय के लिए हो.
➣ Cabinet approves #Gaganyaan Follow-on Missions and building of Bharatiya Antariksh Station: Gaganyaan – Indian Human Spaceflight Programme revised to include building of first unit of BAS and related missions
With a net additional funding of ₹ 11,170 Crore in the already… pic.twitter.com/wWuV575UMb
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कैबिनेट ने चंद्रयान-4 नामक चंद्रमा मिशन को मंजूरी दे दी है. इसका उद्देश्य चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद पृथ्वी पर वापस आने के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास और प्रदर्शन करना है. साथ ही इसके माध्यम से चंद्रमा से नमूने एकत्र कर और पृथ्वी पर उनका विश्लेषण करना भी है.
कैबिनेट ने शुक्र ग्रह पर जाने वाले मिशन को मंजूरी दे दी है, जिसका नाम वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) है. इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अन्वेषण करना, शुक्र ग्रह के वायुमंडल, भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझना तथा इसके घने वायुमंडल की जांच करके बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक आंकड़े जुटाना है.
कैबिनेट ने गगनयान अनुवर्ती मिशनों और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए हमारे अपने अंतरिक्ष स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के निर्माण को मंजूरी दी. BAS की स्थापना 2028 में अपने पहले मॉड्यूल के प्रक्षेपण के साथ की जाएगी.
कैबिनेट ने नए पुन: प्रयोज्य कम लागत वाले अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (NGALV) के विकास को मंजूरी दी. यह भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और संचालन तथा 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय चालक दल के उतरने की क्षमता विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार