Famers Protest: शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) को खोलने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज एमएसपी (MSP) और अन्य मुद्दों पर किसानों की चिंताओं से संबंधित मामलों को लेकर पंजाब और हरियाणा के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी किसानों से कहा है कि वे अपने आंदोलन का राजनीतिकरण करने से बचें.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी में जस्टिस नवाब सिंह के अलावा हरियाणा के पूर्व डीजीपी पीएस संधु, प्रोफेसर देवेंद्र शर्मा, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सुखपाल सिंह और चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार के कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज शामिल हैं. कोर्ट ने कमेटी के चेयरपर्सन को निर्देश किया कि वो एक सदस्य सचिव की नियुक्ति करें जो पंजाब और हरियाणा सरकार से बैठकों के लिए समन्यव करेंगे और रिकॉर्ड का रखरखाव करें.
कोर्ट ने कमेटी से आग्रह किया कि वे किसानों से बात करके शंभू बॉर्डर पर खड़े किए गए ट्रैक्टरों और दूसरे वाहनों को तत्काल हटाएं, ताकि दोनों राज्यों के वरिष्ठ प्रशासक नेशनल हाइवे को खोल सकें. कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान चाहें तो वैकल्पिक स्थान पर अपना आंदोलन शिफ्ट कर सकते हैं. कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया कि वे किसानों से बात कर मसलों की पहचान करें और कोर्ट में दाखिल करें. इससे पहले कोर्ट ने 12 सितंबर को कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि एंबुलेंस, सीनियर सिटिजंस, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाइवे खोला जाए. इसके लिए दोनों तरफ की सड़क के एक-एक लेन खोलने को कहा गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत कर गतिरोध को ख़त्म करने में लिए कमेटी के गठन के लिए पंजाब, हरियाणा सरकार की ओर से सुझाए नाम पर संतोष जाहिर किया था. कोर्ट ने कहा था कि कमेटी के लिए गैर राजनीतिक लोगों का चयन सराहनीय है. कोर्ट ने पटियाला और अंबाला के पुलिस अधिकारियों को एक हफ्ते में मीटिंग कर इस पर विचार करने को कहा था कि कैसे शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोला जा सकता है. कोर्ट ने कहा था कि दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को तय करना है कि एम्बुलेंस, जरूरी सेवाओं, छात्राओं, और रोजाना सफर करने वाले लोगों के लिए हाइवे को कैसे खोला जा सकता है.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था. हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हरियाणा सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है. हाई कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे होने विनेश फोगाट पहुंची शंभू बॉर्डर, राजनीति में शामिल होने पर दिया जवाब