Jind News: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में गत सोमवार को आतंकी हमले में बलिदान हाेने वाले जींद जिले के निडानी गांव के सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक (CRPF Inspector Kuldeep Malik) का बुधवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. कुलदीप के बेटे नवीन ने मुखाग्नि दी. सेना के अधिकारियों ने उनके बेटे को तिरंगा सौंपा. सेना की टुकड़ी ने बलिदानी को अंतिम सलामी दी और मातमी धुन बजाई. ग्रामीणों के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग तथा हजारों युवा शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए. सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, जुलाना विधायक अमरजीत ढांडा के अलावा प्रशासन की तरफ से डीसी मोहम्मद इमरान रजा, एसपी सुमित कुमार ने बलिदानी काे श्रद्धांजलि दी.
44 दिन में दूसरा हरियाणा का लाल कुर्बान
जींद जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मालिक का जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ के दाैरान साेमवार काे दिन बलिदान हाे गए थे. 54 वर्षीय कुलदीप मलिक जल्द ही डीएसपी के पद पर पदोन्नत होने वाले थे. 44 दिन के भीतर देश के हरियाणा और जींद की माटी के दूसरे लाल ने देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया. इससे पहले 7 जुलाई को जाजनवाला के लांस नायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन शहीद हुए थे.
खेल कोटे से भर्ती हुए थे कुलदीप
कुश्ती में नेशनल स्तर के खिलाड़ी रहे कुलदीप लगभग 34 साल पहले खेल कोटे से सीआरपीएफ में बतौर कांस्टेबल नियुक्त हुए थे. उनके दो भाई दिलबाग व सतपाल गांव में ही खेती करते हैं. कुलदीप का बड़ा बेटा नवीन सेना में चालक के पद पर दिल्ली में तैनात है और दूसरा संजय रेलवे पुलिस में अमृतसर में तैनात है. दोनों बेटे शादीशुदा हैं.
शहीद की पत्नी ने लगाया वंदे मातरम का नारा
देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले कुलदीप की पत्नी लक्ष्मी का रो-रो कर बुरा हाल था. पति के अंतिम दर्शन के समय लक्ष्मी ने वंदे मातरम का नारा तो जरूर लगाया लेकिन वह अपने आंसू नहीं रोक पाई. कुलदीप के बेटे नवीन और संजय अपने आंसू रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ये थम नहीं पा रहे थे. सेना के जवान और लोग परिवार के लोगों को ढांढस बंधा रहे थे. परिवार की महिलाओं को रो-रोकर बुरा हाल था.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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