Haryana Land Bank Policy: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने किसानों के भूमि विवादों के समाधान के लिए लैंड बैंक पॉलिसी की अनोखी पहल का देशभर में डंका बज रहा है. यही नहीं खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मनोहर लाल की नीतियों को पसंद किया है. स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों को विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए लैंड बैंक बनाने का आह्वान किया.
दरअसल, मनोहर लाल ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में हरियाणा में किसानों के विवादों का समाधान करने और सीएलयू माफिया के खात्मे के कदम उठाए थे, जो न केवल कारगर साबित हुए बल्कि किसानों को भू-माफियाओं से छुटकारा भी मिला. मनोहर लाल की लैंड बैंक पालिसी से शहरों में नए सेक्टर बनाने, वाणिज्यिक, संस्थागत और ढांचागत विकास के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में मदद मिली. परियोजनाओं के लिए भू-मालिक को पोर्टल पर खुद जमीन देने की पेशकश करने का ऑफर दिया गया. इससे शहरीकरण और औद्योगीकरण के लिए लैंड बैंक बनाने में मदद मिली और नई परियोजनाएं भूमि की कमी के चलते नहीं अटकी.
लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने राज्यों को विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए लैंड बैंक (भूमि बैंक) बनाने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने राज्यों से आह्वान किया कि नीतियों में परिवर्तन लाते हुए विकास परियोजनाओं को गति दी जाए. लैंड की आवश्यकता है तो राज्यों को लैंड बैंक बनाना चाहिए. इसके साथ ही राज्यों को गुड गर्वनेंस (सुशासन) पर काम करने के लिए आगे आना होगा. यही नहीं राज्यों को निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास करने होंगे. राज्य सरकारों को बड़े प्रोजेक्टों पर काम करने दिशा में कदम बढ़ाना होगा. किसानों की समृद्धता का भी किया जिक्र मनोहर लाल ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रदेश के किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया. मनोहर के इस कदम से न केवल किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई करने में भी मददगार बने.
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में क्षमता को बढ़ाने और कौशल मिशन पर जोर दिया. यह दोनों योजनाएं भी मनोहर लाल की देन हैं. मनोहर लाल के शासनकाल में 14 फसलें एमएसपी (MSP) पर खरीदी जाती थीं, अब हरियाणा में सभी 24 फसलें खरीदी जाएंगी. मनोहर लाल ने भावांतर भरपाई योजना के तहत फल व सब्जी उत्पादक 12 हजार से अधिक किसानों को 33.26 करोड़ रुपये की राशि वितरित की. इसके साथ ही बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 2030 तक दोगुणा यानि 22 लाख एकड़ करने और उत्पादन तीन गुणा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था.
साभार – हिंदुस्थान समाचार