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क्या है Waqf Board? कब और कैसे हुआ ताकतवर? जानिए सब कुछ

विवादों में रहने वाला वक्फ बोर्ड (Waqf Board) एक बार फिर चर्चा में है. खबर यह है कि केंद्र सरकार (Central Board) वक्फ बोर्ड के बेलगलाम अधिकारों को कम करने का प्लान बना रही है.

Akansha Tiwari by Akansha Tiwari
Aug 5, 2024, 06:01 pm GMT+0530
Waqf Board

Waqf Board

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Waqf Board: विवादों में रहने वाला वक्फ बोर्ड (Waqf Board) एक बार फिर चर्चा में है. खबर यह है कि केंद्र सरकार (Central Board) वक्फ बोर्ड के बेलगलाम अधिकारों को कम करने का प्लान बना रही है. खबर यह भी है कि जल्द ही वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का बिल संसद में पेश किया जाएगा. इस नए बिल में किसी जमीन को अपनी संपत्ति यानी वक्फ की संपत्ति बताने वाली ताकत पर रोक लगेगी. आइये जानते हैं वक्फ बोर्ड और इसकी असीमित शक्तियों को जो किसी भी जमीन पर आसानी से कब्जा जमा रही हैं.

कैसे काम करता है वक्फ बोर्ड?

वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या लोकोपकारार्थ दिया गया धन. इसके दायरे में चल और अचल दोनों ही तरह की संपत्तियां आती हैं. सही मायने में वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था. जिससे इन जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और गैरकानूनी तरीकों से बेचने पर रोक लगाई जा सके. लेकिन आज यह बोर्ड सवालों के घेरे में है. वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति बताता है. इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड कब्जा कर लेता है. चूंकि 1995 का वक्फ कानून कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है. वर्ष 1995 का कानून यह जरूर कहता है कि किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना दावा नहीं कर सकता, लेकिन यह तय कैसे होगा कि संपत्ति निजी है? अगर वक्फ बोर्ड को महज लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है तो उसे कोई दस्तावेज या सबूत पेश नहीं करना है, सारे कागज और सबूत उसे देने हैं जो अब तक दावेदार रहा है. कौन नहीं जानता है कि कई परिवारों के पास जमीन का पुख्ता कागज नहीं होता है, वक्फ बोर्ड इसी का फायदा उठाता है क्योंकि उसे कब्जा जमाने के लिए किसी तरह का कोई कागज नहीं देना है.

कांग्रेस सरकार ने बढ़ाई थीं वक्फ बोर्ड की शक्तियां

वक्फ बोर्ड के गठन के लिए 1954 नेहरू जी के शासनकाल में वक्फ एक्ट पास हुआ था, जिसके बाद केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन 1964 में किया गया. हालांकि, 1995 के संशोधन से वक्फ बोर्ड को अपार शक्तियां मिलीं. पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने वक्फ एक्ट 1954 में संशोधन किया और नए-नए प्रावधान जोड़कर वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दीं. वक्फ एक्ट 1995 का सेक्शन 3(आर) के मुताबिक, अगर कोई संपत्ति, किसी भी उद्देश्य के लिए मुस्लिम कानून के अनुसार पाक, मजहबी, चेरिटेबल मान लिया जाए तो वह वक्फ की संपत्ति हो जाएगी. वक्फ कानून 1995 का आर्टिकल 40 कहता है कि यह जमीन किसकी है, यह वक्फ का सर्वेयर और वक्फ बोर्ड तय करेगा. बाद में वर्ष 2013 में संशोधन पेश किए गए, जिससे वक्फ को इससे संबंधित मामलों में बेलगाम और पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हुई. बता दें कि वर्तमान में देश भर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां, कुल मिलाकर लगभग 9.4 लाख एकड़, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में हैं.

वक्फ बोर्ड की बेलगाम ताकत

अगर आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति बता दी गई तो आप उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते. आपको वक्फ बोर्ड से ही गुहार लगानी होगी. वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आया, तब भी आप कोर्ट नहीं जा सकते. तब आप वक्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं. इस वक्फ ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, उसमें गैर-मुस्लिम भी हो सकते हैं. वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है.

देश में कितने वक्फ बोर्ड?

वर्तमान में देश में एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 30 स्टेट बोर्ड हैं. केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सेंट्रल वक्फ बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है. अब तक की सरकारों में वक्फ बोर्ड अनुदान दिया जाता रहा है. मोदी सरकार में भी वक्फ को लेकर उदारता दिखाई गई. सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नियम बनाया कि अगर वक्फ की जमीन पर स्कूल, अस्पताल आदि बनते हैं तो पूरा खर्च सरकार का होगा. यह तब हुआ जब मुख्तार अब्बास नकवी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे.

ये भी पढ़ें: Article 370: पर्यटन में उछाल मगर नहीं लौट सके कश्मीरी पण्डित…जानें 5 वर्षों में कितनी बदली जम्मू-कश्मीर की सूरत

 

Tags: WaqfWaqf BoardWaqf Board Amendment
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