Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने सोनीपत (Sonipat) जिले में पुलिस थाना और पुलिस लाइन भवन परिसर के निर्माण कार्य के लिए एक सदी पुराने 150 पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार के सामने फिर भवनों के लिए नई जमीन तलाश ने की चुनौती उत्पन्न हो गई है.
हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका राष्ट्रीय पर्यावरण और वन संरक्षण ट्रस्ट (पंजीकृत) ने दायर की थी. जिसमें ग्राम पंचायत ठस्का, जिला सोनीपत के पारित एक प्रस्ताव के अनुसार सार्वजनिक हित में पुलिस लाइन और थाना के भवन निर्माण के लिए जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया था. इसके बाद थाना निर्माण के लिए एक एकड़ जमीन और पुलिस लाइन के लिए पांच एकड़ जमीन दे दी गई थी. याचिकाकर्ता ने शिकायत थी कि उस जमीन पर खड़े 150 पेड़ काटे जाएंगे, जो कथित तौर पर लगभग 100 वर्ष पुराने हैं. इस याचिका पर हाई कोर्ट ने उप वन संरक्षक, सोनीपत से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट की जांच करने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि संबंधित भूमि पर जिसे पुलिस स्टेशन और पुलिस लाइन के निर्माण के लिए आवंटित किया गया है, लगभग 150 पेड़ खड़े हैं जो लगभग एक शताब्दी पुराने हैं.
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति विकास सूरी ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम लोगों ने काफी पर्यावरण क्षरण झेला है. इसलिए, यह न्यायालय किसी भी और क्षरण का हिस्सा नहीं बनेगा. यदि संबंधित अधिकारी पेड़ों को काटे बिना पुलिस स्टेशन और पुलिस लाइन का निर्माण करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें पेड़ों को काटने से रोका जाता है. साथ ही उन्हें निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थान खोजने की सलाह दी जाती है. पुलिस लाइन और पुलिस स्टेशन निर्माण में इस आदेश के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश नागू ने कहा कि यह स्पष्ट है कि लगभग 150 पेड़, जो एक सदी पुराने हैं. एक पुलिस स्टेशन और एक पुलिस लाइन के निर्माण के उद्देश्य से आवंटित भूमि पर खड़े हैं. न्यायालय ने निर्देश दिया कि यदि संबंधित अधिकारी मौके पर खड़े 150 पेड़ों में से एक भी पेड़ को काटे, क्षतिग्रस्त किए बिना पुलिस स्टेशन और पुलिस लाइन का निर्माण कर सकते हैं, तो अधिकारी निर्माण कार्य करने के लिए स्वतंत्र हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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