Wednesday, July 9, 2025
No Result
View All Result
Haryana News

Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
Haryana News
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
No Result
View All Result
Haryana News
No Result
View All Result

Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
  • लाइफस्टाइल
Home राष्ट्रीय

Opinion: आसान नहीं है ‘विकसित भारत -2047’

भारत सरकार की महत्वााकांक्षी योजना ‘विकसित भारत-2047’ पर देश में हर जगह चर्चा हो रही है. चर्चाओं का केंद्र अगले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशत सालाना से अधिक औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना है. इस समय भारत और चीन की तुलना करना उपयोगी हो सकता है.

Akansha Tiwari by Akansha Tiwari
Aug 1, 2024, 01:37 pm GMT+0530
VikSit Bharat 2047

VikSit Bharat 2047

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

Opinion: भारत सरकार की महत्वााकांक्षी योजना ‘विकसित भारत-2047’ पर देश में हर जगह चर्चा हो रही है. चर्चाओं का केंद्र अगले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशत सालाना से अधिक औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना है. इस समय भारत और चीन की तुलना करना उपयोगी हो सकता है. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 1991 में दोनों देशों में कृषि में रोजगार का प्रतिशत आसपास ही था. चीन में यह 60 प्रतिशत तथा भारत में 63 प्रतिशत था, किंतु विश्व बैंक के अनुसार करीब 30 साल बाद चीन में यह तेजी से कम होकर 23 प्रतिशत रह गया, जो भारत के 44 प्रतिशत आंकड़े से बहुत कम है. इन 30 साल के भीतर चीन में लगभग 20 करोड़ कृषि श्रमिक उद्योग और सेवा क्षेत्रों में चले गए. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत में भी काफी संख्या में श्रमिक खेती से बाहर चले गए मगर इसी दौरान कृषि में रोजगार पाने वालों की संख्या 3.5 करोड़ बढ़ गई.

भारत को मौजूदा निम्न-मध्यम आय स्तर से उच्च आय स्तर या उच्च मध्यम आय स्तर तक लाने के लिए जरूरी बदलाव पर भी सबका ध्यान केंद्रित है . यह बदलाव रोजगार के ढांचे में होना है, जिसके तहत कृषि क्षेत्र से जुड़ा रोजगार घटना चाहिए और उद्योग तथा सेवा क्षेत्र का रोजगार उतना ही बढ़ना चाहिए. वैसे भारत 2047 तक विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने की आकांक्षा रखता है और इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं में कृषि रोजगार के प्रतिशत की बात करें तो आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) देशों में यह लगभग 5 प्रतिशत है जो भारत में कृषि में वर्तमान रोजगार के प्रतिशत का लगभग आठवां हिस्सा है.

उच्च-मध्यम आमदनी वाले देशों में भी कृषि में रोजगार की हिस्सेदारी आज भारत की तुलना में केवल आधी है. विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कृषि वस्तुओं के प्रमुख निर्यातक जैसे न्यूजीलैंड या ब्राजील में भी कृषि में रोजगार की हिस्सेदारी केवल 6-8 प्रतिशत के भीतर है. अगर भारत को 2047 तक उच्च आमदनी वाले देश का दर्जा हासिल करना है या उच्च-मध्यम आय के स्तर तक पहुंचना है तो उसे कृषि से बड़ी संख्या में श्रमिक उद्योग और सेवा क्षेत्र की ओर भेजने होंगे. इससे भी ज्यादा नाटकीय मामला वियतनाम का है, जहां 1991 में रोजगार में कृषि की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत थी मगर 2021 में घटकर 29 प्रतिशत रह गई. इसका बड़ा कारण यह है कि चीन और वियतनाम में इन वर्षों के दौरान अधिक निर्भरता विनिर्माण में रोजगार सृजन और निर्यात बढ़ाने वाली वृद्धि पर रही है.

भारत के मामले में 1991 और 2021 के आंकड़ों की तुलना में एक अहम बिंदु छुप जाता है. कृषि की हिस्सेदारी में गिरावट और उद्योग तथा सेवाओं में वृद्धि मुख्य रूप से 1990-91 से 2014-15 के बीच यानी 25 वर्षों दौरान हुई. उसके बाद से विनिर्माण में वृद्धि की कई योजनाएं आने के बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है. संभवत: कोविड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की वापसी की वजह से भी कृषि क्षेत्र से रोजगार स्थानांतरित होने की रफ्तार धीमी रही है. भारत में राज्यों के बीच अंतर पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. अहम मुद्दा यह है कि हम किस दर पर उद्योग और सेवा क्षेत्र में बेहतर रोजगार सृजन कर सकते हैं ताकि कामकाजी उम्र वाले लोगों की बढ़ती संख्या और कृषि क्षेत्र से आने वाले लोगों को इसमें खप सके. 2047 तक कामकाजी उम्र वाली आबादी (15 से 59 वर्ष) का आधिकारिक पूर्वानुमान लगाएं और मान लें कि काम ढूंढने वालों में करीब 65 प्रतिशत हिस्सेदारी इसी समूह की होगी तो हमारे पास रोजगार ढूंढने वाले करीब 12 करोड़ नए लोग होंगे.

इसके अलावा सबसे मुश्किल पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र से निकलने वाले श्रम बल के दूसरे क्षेत्रों में स्थानांतरण के मूल्यांकन का स्तर है. अगर हम विकसित या उच्च आमदनी वाला देश बनना चाहते हैं तब कृषि क्षेत्र में रोजगार का हिस्सा कम होकर 10 प्रतिशत के स्तर पर आना चाहिए. इसका मतलब है कि लगभग 15 करोड़ लोगों को कृषि क्षेत्र छोड़ना होगा. इस तरह उद्योग और सेवा क्षेत्रों में 27 करोड़ से अधिक नए रोजगार पैदा करने की आवश्यकता है ताकि रोजगार ढूंढने वाली जनसंख्या और कृषि क्षेत्र छोड़ने वाली अतिरिक्त जनसंख्या इसमें खप सके. अगले 25 वर्षों में यह तादाद सालाना 1 करोड़ से अधिक नई उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की नौकरियां हैं. असली चुनौती यह है कि हमें 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए एक ऐसी योजना चाहिए जो उद्योग और सेवा क्षेत्र में रोजगार के बेहतर मौके तैयार करे, खासतौर से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में, जहां आज भी औसतन करीब 55 प्रतिशत लोग खेती में रोजगार पाते हैं. अगले 25 साल में देश में जितने भी नए कामगार बढ़ेंगे, उनमें से लगभग 90 प्रतिशत इन पांच राज्यों से होंगे.

राकेश दुबे

(लेखक, वर‍िष्‍ठ पत्रकार एवं स्‍तम्‍भकार हैं.)

साभार – हिंदुस्थान समाचार

Tags: OpinionVikSit BharatVikSit Bharat 2047
ShareTweetSendShare

RelatedNews

द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कहीं बड़ी बात
Latest News

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

'धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ -प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता': RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम
Latest News

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

RSS Chief Dr. Mohan Bhagwat
Latest News

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

कौन थे छत्रपति संभाजी महाराज? जिन्होंने मुगलों को दिखाई थी आंख
Latest News

कौन थे छत्रपति संभाजी महाराज? जिन्होंने मुगलों को दिखाई थी आंख

21 दिन बाद BSF जवान पूर्णम कुमार वापस लौटे भारत, गलती से पाकिस्तान का बॉर्डर किया था पार
Latest News

21 दिन बाद BSF जवान पूर्णम कुमार वापस लौटे भारत, गलती से पाकिस्तान का बॉर्डर किया था पार

Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कहीं बड़ी बात

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

'धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ -प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता': RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

RSS Chief Dr. Mohan Bhagwat

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

जानिए क्या है HAIDP? AI से किस तरह बदलेगा हरियाणा का भविष्य

जानिए क्या है HAIDP? AI से किस तरह बदलेगा हरियाणा का भविष्य

हरियाणा में फैला 'डंकी रूट' का नेटवर्क, लाखों देकर भी रहता है जान का खतरा

हरियाणा में फैला ‘डंकी रूट’ का नेटवर्क, लाखों देकर भी रहता है जान का खतरा

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर सरकार ने कसा शिकंजा, हरियाणा सहित इन राज्यों पर लगा प्रतिबंध

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर सरकार ने कसा शिकंजा, हरियाणा सहित इन राज्यों पर लगा प्रतिबंध

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा कैसी बनी पाकिस्तानी जासूस? जानें अब तक की पूरी कहानी

Haryana: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा कैसी बनी पाकिस्तानी जासूस? जानें अब तक की पूरी कहानी

हरियाणा में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर शिकंजा, जानिए कहां-कहां हुई कार्रवाई?

हरियाणा में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर शिकंजा, जानिए कहां-कहां हुई कार्रवाई?

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap

Copyright © Haryana-News, 2024 - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer
    • Sitemap

Copyright © Haryana-News, 2024 - All Rights Reserved.