सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्देश दिया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए स्वतंत्र कमेटी का गठन किया जाए. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए हरियाणा और पंजाब सरकार सदस्यों के नाम सुझाए. कोर्ट ने दोनों राज्यों को चरणबद्ध तरीके से बैरिकेड्स हटाने के सुझाव देने का निर्देश दिया, ताकि लोगों को परेशानी न हो.
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर को टैंक जैसा मोडिफाई कर रखा है. तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि किसानों से बातचीत कर कोई समाधान क्यों नहीं निकाला जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि किसानों तक पहुंचने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे, वो दिल्ली क्यों आना चाहेंगे. आप यहां से मंत्री भेज रहे हैं. अच्छे इरादों के बावजूद उन पर किसानों को विश्वास की कमी है. वे सोचेंगे कि आप केवल स्वार्थ के बारे में बात कर रहे हैं और स्थानीय मुद्दों की अनदेखी कर रहे हैं. आप किसी तटस्थ व्यक्ति को क्यों नहीं भेजते.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था. हरियाणा सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है. हाई कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए.
साभार – हिंदुस्थान समाचार