Haryana Politics: हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly Election) में सदस्यता रद्द किए जाने की मांग को लेकर चल रही कांग्रेस (Congress) व जननायक जनता पार्टी (JJP) की याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने किरण चौधरी के खिलाफ दायर याचिका को जहां खारिज कर दिया वहीं जेजेपी की याचिका को दाखिल कर लिया गया है. विधानसभा स्पीकर की कोर्ट में सोमवार को इन लंबित याचिकाओं पर सुनवाई की गई.
किरण चाैधरी के खिलाफ कांग्रेस की याचिका खारिज, नहीं किए हस्ताक्षर
किरण चौधरी वर्ष 2019 में कांग्रेस की टिकट पर तोशाम से चुनाव लड़कर जीती थी. अब वह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं. विधान सभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक भारत भूषण बत्रा और विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद की ओर से गत 19 जून को विधायक किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर विधान सभा अध्यक्ष को नोटिस भेजा गया था. उन्होंने एक रिमाइंडर भी भेजा. इसके बाद 11 जुलाई को उन्होंने याचिका दायर कर किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग की.
सुनवाई के दौरान गुप्ता ने तोशाम से विधायक किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने संबंधी कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है.यह याचिका विधान सभा के ‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986’ की कसौटियों पर खरी नहीं उतरी, जिसके कारण इसे निरस्त कर दिया गया. विधान सभा सचिवालय ने सोमवार को संबंध में कांग्रेस नेताओं को अवगत करवा दिया है.
विधान सभा सचिवालय की ओर कांग्रेस नेताओं को बताया गया है कि उनकी ओर से प्रस्तुत याचिका हरियाणा विधान सभा (दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता) नियम, 1986 के नियम 6 (7) की शर्तों का अनुपालन नहीं कर रही है. यह याचिका याचिकाकर्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित और सत्यापित नहीं हैं.
‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986’ में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि किसी विधायक की सदस्यता खत्म करने की मांग वाली याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे. इसके साथ ही याचिका के प्रत्येक अनुलग्नक पर भी याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और इस पर भी याचिका के समान तरीके से सत्यापित किया जाएगा. कांग्रेस की ओर से याचिकाकर्ताओं ने एक भी अनुलग्नक पर हस्ताक्षर नहीं किए.
इसी दौरान स्पीकर ने जननायक जनता पार्टी की तरफ से दायर याचिका पर भी आज ही सुनवाई की. याचिका में नरवाना के विधायक रामनिवास और बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग की विधान सभा सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है. जजपा ने दोनों विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने तथा भाजपा को समर्थन देने का आरोप लगाया है.
यह याचिका जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह की ओर से दायर की गई है. हालांकि याचिका हरियाणा विधान सभा (दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता) नियम 1986 के नियम 6 की अपेक्षा पर खरा नहीं उतरती. इसके बावजूद विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के आधार पर याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है. हरियाणा विस अध्यक्ष ने नियम 7(3) (ए व बी) के प्रावधानों का पालन करते हुए दोनों आरोपित विधायकों और जजपा विधायक दल के नेता को अपना पक्ष उनके सम्मुख रखने के निर्देश जारी किए हैं. उन्हें 4 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखना होगा. इससे पूर्व विधान सभा अध्यक्ष की ओर से याचिका पर हरियाणा के महाधिवक्ता की भी राय ली गई. इस राय का अध्ययन करने उपरांत पर याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है.
जेजेपी के कार्यालय सचिव की ओर दायर याचिका में कहा गया कि जजपा के नरवाना से विधायक रामनिवास और बरवाला से विधायक जोगी राम सिहाग ने लोकसभा चुनाव में सरेआम भाजपा का प्रचार किया. इस दौरान वे इस हद तक चले गए कि अपने मूल राजनीतिक दल जेजेपी के प्रतिनिधियों की आलोचना भी की. वे अनेक बार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेताओं के साथ स्पष्ट रूप से देखे गए. इस संबंध में उन्होंने अनेक मीडिया रिपोर्ट्स का भी हवाला दिया.
साभार – हिंदुस्थान समाचार