हम सभी इस बात को जानते हैं कि महाभारत (Mahabharat) का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) का ख्याल आता है. कुरुक्षेत्र की भूमि पर ही पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध लड़ा गया था. इसी जमीन पर ही भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुरुक्षेत्र की भूमि को धर्मक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि महाभारत की लड़ाई के लिए इसी जगह को ही क्यों चुना गया था? तो आइए जानते हैं कि इसके पीछे की प्रचलित कहानी.
जानिए कुरुक्षेत्र को युद्ध के लिए चुने जाने की प्रचालित कहानियां
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के लिए एक ऐसी जगह को ढूंढ जा रहा था, जहां बड़ी संख्या से सैनिक आसानी से लड़ सकें. युद्ध के लिए जगह तलाशने की जिम्मेदारी पूर्ण रुप से भगवान श्री कृष्ण को सौंपी गई थी.

श्रीकृष्ण ने अपने सभी दूतों को जगह तलाशने का आदेश दिया. सभी दूतों ने श्री कृष्ण को आकर अपनी द्वारा चुनी गई जगहों के बारे में बताया. लेकिन उस दौरान एक दूत बहुत दर्द और उदास में था.
जब श्रीकृष्ण ने उस दूत से उसके दुखी होने का कारण पूछा तो उसने कुरुक्षेत्र में घटी एक दुखभरी घटना के बारे में भगवान कृष्ण को विस्तार से बताया.

दूत ने बताया कि कुरुक्षेत्र में एक घटना हुई थी, जिसमें 2 भाइयों के बीच जमीन में मेड़ बनाने को लेकर झगड़ा हुआ था. दोनों भाइयों के बीच जमीन का बंटवारा हुआ. खेतों का पानी एक-दूसरे के खेत में न पहुंचे, इसके लिए खेत में एक मेड़ बनवाई गई थी.
कुछ समय बाद मेड़ टूट गई. जिसके बाद दोनों भाईयों के बीच झगड़ा हुआ. झगड़ा इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने छोटे भाई का मर्डर कर दिया और लाश को मेड़ की जगह पर रख दिया. जिससे पानी रुक गया.
यह पूरी कहानी सुनने के बाद श्रीकृष्ण ने फैसला लिया कि भाई-भाई, सगे-संबधियों और गुरु-शिष्य के बीच युद्ध करने के लिए यह जगह सबसे बेहतर रहेगी. कुरुक्षेत्र की जमीन इतनी कठोर थी कि किसी का भी मन पिघल नहीं सकता. बहुत सोच-विचार करने के बाद श्री कृष्ण ने युद्ध के लिए इस जगह को फाइनल किया था.
धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुरुक्षेत्र को धर्मक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. इस जगह को पुराणों और वेदों में पवित्र माना गया है. इस जगह को धर्म और सत्य का प्रतीक भी माना जाता है. इस जगह को धर्मयुद्ध के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. इसी वजह से महाभारत में हुए ऐतिहासिक युद्ध के लिए इस स्थान को चुना गया था.
राजनीतिक विचार
महाभारत में हुए युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र जगह को चुने जाने के पीछे का एक कारण राजनीति भी है. माना जाता है कि कुरुक्षेत्र कौरवों और पांडवों में से किसी के भी पक्ष में नहीं थी. इसलिए दोनों पक्षों ने निष्पक्ष होकर इस जगह को युद्धभूमि के लिए चुना था.
कहा जाता है कि महाभारत के दौरान हुए युद्ध में जितने भी सैनिकों की मृत्यु हुई थी. उनके खून की वजह से आज तक यहां की मिट्टी का रंग लाल है.

बता दें, कुरुक्षेत्र हिंदू तीर्थ स्थल के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है. यह जगह (कुरुक्षेत्र) हस्तिनापुर से 185 किलोमीटर दूर है. यहां पर बासमती चावल का उत्पादन भी खूब किया जाता है.
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