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आखिर महाभारत युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र शहर को ही क्यों चुना गया? जानें पौराणिक मान्यताएं

हम सभी इस बात को जानते हैं कि महाभारत का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले कुरुक्षेत्र का ख्याल आता है. कुरुक्षेत्र की भूमि पर ही पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध लड़ा गया था.

Akansha Tiwari by Akansha Tiwari
Apr 13, 2025, 03:24 pm GMT+0530
आखिर महाभारत युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र शहर को क्यों चुना गया? जानें पौराणिक मान्यताएं

महाभारत की लड़ाई के लिए इसी जगह को ही क्यों चुना गया था?

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हम सभी इस बात को जानते हैं कि महाभारत (Mahabharat) का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) का ख्याल आता है. कुरुक्षेत्र की भूमि पर ही पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध लड़ा गया था. इसी जमीन पर ही भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे.

Mahabharat
Mahabharat

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुरुक्षेत्र की भूमि को धर्मक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि महाभारत की लड़ाई के लिए इसी जगह को ही क्यों चुना गया था? तो आइए जानते हैं कि इसके पीछे की प्रचलित कहानी.

जानिए कुरुक्षेत्र को युद्ध के लिए चुने जाने की प्रचालित कहानियां

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के लिए एक ऐसी जगह को ढूंढ जा रहा था, जहां बड़ी संख्या से सैनिक आसानी से लड़ सकें. युद्ध के लिए जगह तलाशने की जिम्मेदारी पूर्ण रुप से भगवान श्री कृष्ण को सौंपी गई थी.

Mahabharat happened in Kurukshetra

श्रीकृष्ण ने अपने सभी दूतों को जगह तलाशने का आदेश दिया. सभी दूतों ने श्री कृष्ण को आकर अपनी द्वारा चुनी गई जगहों के बारे में बताया. लेकिन उस दौरान एक दूत बहुत दर्द और उदास में था.

जब श्रीकृष्ण ने उस दूत से उसके दुखी होने का कारण पूछा तो उसने कुरुक्षेत्र में घटी एक दुखभरी घटना के बारे में भगवान कृष्ण को विस्तार से बताया.

Shri Krishna in Mahabharat
Shri Krishna in Mahabharat

दूत ने बताया कि कुरुक्षेत्र में एक घटना हुई थी, जिसमें 2 भाइयों के बीच जमीन में मेड़ बनाने को लेकर झगड़ा हुआ था. दोनों भाइयों के बीच जमीन का बंटवारा हुआ. खेतों का पानी एक-दूसरे के खेत में न पहुंचे, इसके लिए खेत में एक मेड़ बनवाई गई थी.

कुछ समय बाद मेड़ टूट गई. जिसके बाद दोनों भाईयों के बीच झगड़ा हुआ. झगड़ा इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने छोटे भाई का मर्डर कर दिया और लाश को मेड़ की जगह पर रख दिया. जिससे पानी रुक गया.

यह पूरी कहानी सुनने के बाद श्रीकृष्ण ने फैसला लिया कि भाई-भाई, सगे-संबधियों और गुरु-शिष्य के बीच युद्ध करने के लिए यह जगह सबसे बेहतर रहेगी. कुरुक्षेत्र की जमीन इतनी कठोर थी कि किसी का भी मन पिघल नहीं सकता. बहुत सोच-विचार करने के बाद श्री कृष्ण ने युद्ध के लिए इस जगह को फाइनल किया था.

धार्मिक महत्व

Kurukshetra
Kurukshetra

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुरुक्षेत्र को धर्मक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. इस जगह को पुराणों और वेदों में पवित्र माना गया है. इस जगह को धर्म और सत्य का प्रतीक भी माना जाता है. इस जगह को धर्मयुद्ध के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. इसी वजह से महाभारत में हुए ऐतिहासिक युद्ध के लिए इस स्थान को चुना गया था.

राजनीतिक विचार

महाभारत में हुए युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र जगह को चुने जाने के पीछे का एक कारण राजनीति भी है. माना जाता है कि कुरुक्षेत्र कौरवों और पांडवों में से किसी के भी पक्ष में नहीं थी. इसलिए दोनों पक्षों ने निष्पक्ष होकर इस जगह को युद्धभूमि के लिए चुना था.

कहा जाता है कि महाभारत के दौरान हुए युद्ध में जितने भी सैनिकों की मृत्यु हुई थी. उनके खून की वजह से आज तक यहां की मिट्टी का रंग लाल है.

Mahabharat in Kurukshetra
Mahabharat in Kurukshetra

बता दें, कुरुक्षेत्र हिंदू तीर्थ स्थल के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है. यह जगह (कुरुक्षेत्र) हस्तिनापुर से 185 किलोमीटर दूर है. यहां पर बासमती चावल का उत्पादन भी खूब किया जाता है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा का पानीपत पूरे विश्व में रिसाइकलिंग इंडस्ट्री के लिए मशहूर, लाखों लोगों को मिलता है रोजगार

Tags: History of KurukshetrakurukshetraMahabharatTop News
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