Gurugram History: हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव) जिले ने आज पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. वर्तमान दौर में गुरुग्राम को ‘भारत का सिंगापुर’ और ‘मिलेनियम सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है. इस जिले का इतिहास करीब 2 हजार सालों से भी ज्यादा पुराना है.
गुरुग्राम का पौराणिक इतिहास
पौराणिक काल से लेकर भारत का सिंगापुर बनने तक की गुरुग्राम की कहानी काफी दिलचस्प रही है. इस शहर का नाता महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है. पौराणिक मान्यता है कि महाभारत काल में कौरवों-पांडवों को शिक्षा देने वाले गुरु द्रोणचार्य का यह जिला राजा युधिष्ठिर ने उपहार के रुप में दिया था. गुरुग्राम में ही द्रोणचार्य का गांव भी स्थित है.
साथ ही महाभारत के समय एकलव्य ने ही यहां पर अंगूठा दान किया था और अर्जुन ने चिड़िया की आंख में निशाना लगाया था.
गुरुग्राम का इतिहास
महाभारत काल के बाद इस इलाके को यदुवंशी और जादौन जनजातियों के राजपूतों ने भी अपने साम्राज्य का हिस्सा बनाया.
मुगलकाल के दौरान बाबार ने इस इलाके पर अपना शासन किया था. सन् 1803 तक यहां पर मुगलों का दबदबा था.
इसके बाद ईस्ट इंडिया कपंनी (East India Company) ने इस हिस्से को जीत लिया था. देश को आजादी मिलने तक ब्रिटिश हुकूमत ने भारत के अन्य इलाकों की तरह यहां पर भी अपना शासन किया था.
आजादी के समय पंजाब के हिस्से में आया गुरुग्राम
सन् 1947 में भारत और पाकिस्तान विभाजन के दौरान गुरुग्राम पंजाब राज्य के अधीन आता था, लेकिन 1966 में हरियाणा एक अलग राज्य बन गया था. गुरुग्राम इसी (हरियाणा) राज्य में शामिल हुआ था. बताया जाता है कि यहां की जमीन खेती करने के लिए उचित नहीं थी, इसी वजह से 70 के दशक में जब औद्योगिकी क्रांति (Industrial Revolution) शुरू हुई, तो कंपनियों की नजर इस जगह पर पड़ी. उसके बाद से लेकर वर्तमान तक यहां (गुरुग्राम) पर कई बड़ी विदेशी कंपनियां खोली जा चुकी हैं.
इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के बाद बदली गुरुग्राम की तस्वीर
गुरुग्राम जिला आज भारत समेत पूरी दुनिया में मशहूर है. मारुति सुजुकी ने गुरुग्राम के मानसेर में अपना पहला कारखाना खोला था. उसके बाद कई विदेशी कॉर्पोरेट कंपनियां यहां पर आ गई. इन कंपनियों ने भारी मात्रा में निवेश किया, कि आज यह पूरे देश का सबसे बड़ा साइबर (Cyber hub) बन गया है.
द बैटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नुम्बेओ कंपनी के सर्वे में गुरुग्राम की क्वालिटी ऑफ लाइफ इंडेक्स में कई फेमस एशियन सिटीस जैसे हांगकांग, सिंगापुर और कुआललंपुर को मात दी है.
साल 2003 में गुरुग्राम में DLF साइबर सिटी हब खोला गया था. यह पूरे भारत का एक कमर्शियल क्षेत्र है. इसमें कई शीर्ष IT और फॉर्च्यून 500 कपंनियों का ऑफिस बन चुका है. यह दिल्ली-NCR में आईटी के लिए देश में प्रमुख केंद्रों में से एक माना जाता है.
साल 2016 में गुड़गांव बना गुरुग्राम
साल 2016 में गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम रख दिया गया था. ऐसा करने के पीछे सरकार और सरकारी अधिकारियों ने कारण दिया था कि श्रीमद् भगवदगीता हरियाणा की ऐतिहासिक भूमि है. साथ ही इसे गुरु द्रोणचार्य का शिक्षा केंद्र भी बताया जाता है.
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