Historical Temples in Haryana: हरियाणा का अपना पुराना इतिहास रहा है. यह राज्य न केवल अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए बल्कि यहां पर स्थित कई प्राचीन मंदिरों के लिए भी मशहूर है. इन मंदिरों का पुराने समय में धार्मिक तौर पर विशेष महत्व रहा है. पर्यटक इन मंदिरों को देखने के लिए बहुत एक्साइटेड रहते हैं. आज इस आर्टिकल में आपको हरियाणा के ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताया जाएगा.
भद्रकाली मंदिर

भद्रकाली मंदिर (Bhadrakali Mandir) हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित है. इस मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक कई मान्यताएं है. यह मंदिर पूरे राज्य का एकमात्र सिद्ध शक्तिपीठ है. जहां पर भद्रकाली शक्ति के रुप में विराजमान है. बता दें, वैसे तो दुनिया में मां के कुल 52 शक्तिपीठ है, उन्हीं में से मंदिर एकमात्र भद्रकाली मंदिर सिद्ध शक्तिपीठ, कुरुक्षेत्र में है.
इस मंदिर का धार्मिक महत्व माता सती से जुड़ा हुआ है. माता सती के आत्मदाह के बाद जब भगवान शिव, सती की देह को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे. तभी भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 52 हिस्से कर दिए.
इसके बाद जहां-जहां माता सती के शरीर के टुकड़े गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई थी. बताया जाता है. कि भद्रकाली मंदिर(शक्तिपीठ) में माता सती का दाहिना पैर गिरा था. भद्रकाली मंदिर को श्रीदेवीकूप के नाम से भी जाना जाता है.
अग्रोहा धाम

हरियाणा के हिसार जिले में बना अग्रोहा धाम (Agroha Dham) का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. इस धाम का निर्माण साल 1976 में शुरू और साल 1984 में पूरा हुआ था. इस मंदिर को बनाने में पूरे 8 साल का समय लगा था. अग्रोहा धाम में स्थित माता ल7्मी की मूर्ति पूरे उत्तर भारत में सबसे ऊंची है, जिसकी कुल लंबाई 8 फीट है. यह मूर्ति जयपुर के कारीगरों के द्वारा बनाई गई थी. इस धाम के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ हाथियों की मूर्ति बनी हुई है. इस धाम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को एक अलग तरह की आध्यात्मिक अनुभूति का एहसास होता है. यहां पर कई तरह के धार्मिक त्योहार खूब धूम-धाम से मनाए जाते हैं.
चंडी मंदिर

हरियाणा के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है चंडी मंदिर (Chandi Devi Mandir). माना जाता है कि यह मंदिर करीब 5000 सालों से भी ज्यादा पुराना है. चंडी मंदिर चंडीगढ़-कालका-शिमला हाईवे पर स्थित है. इस मंदिर को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी कहा जाता है. इस मंदिर के नाम पर ही चंडीगढ़ शहर का नाम पड़ा है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस मंदिर में आता है उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
भीमा देवी मंदिर

हरियाणा के पंचकूला में 8वीं शताब्दी का पौराणिक भीमा देवी मंदिर (Bhima Devi Temple) बहुत ही खास है. भीमा देवी को मां दुर्गा का ही एक रुप माना जाता है. इस मंदिर की स्थापना गुर्जर प्रतिहार के शासनकाल में हुई थी. इसी मंदिर के सामने ही पिंजौर गार्डन है. मान्यता है कि औरंगजेब के सौतेले भाई ने हिंदू मंदिर को टूटने से बचाने के लिए इस गार्डन को निर्माण किया था.
भारत के इतिहास में बताया गया है कि 13वीं और 17वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने कई हिंदू मंदिरों को तोड़वा दिया था. इस मंदिर के बारे में साल 1974 में खुदाई के समय पुरातत्व विभाग को पता चला था. खुदाई के दौरान इस मंदिर परिसर से लगभग 100 प्राचीन मूर्तियां मिली थी. इस मंदिर का पांडवों से पौराणिक संबध है. कहा जाता है कि ऋषियों की रक्षा करने के लिए मां भीमा देवी के रुप में प्रकट हुई थी.
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