Haryana Assembly Session: हरियाणा में आए दिन आ रही डीएपी खाद के संकट की खबराें के बीच सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में डीएपी काेई संकट नहीं है. सरकार के इस दावे काे खारिज करते हुए साेमवार काे विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर डबवाली विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला ने कहा कि खाद एजेंसियां मिलीभगत करके डीएपी की कालाबाजारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि प्लाईवुड इंडस्ट्री में डीएपी का इस्तेमाल होता है. ऐसे में किसानों के हिस्से का डीएपी अधिकारियों व एजेंसियों की मिलीभगत ने फैक्टरियों में भेजा जा रहा है.
नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मेवात जिला में सरसों व गेहूं की अगेती बुआई होती है. ऐसे में सरकार को वहां समय से पहले डीएपी की आपूर्ति करनी चाहिए.
नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़ और कालांवाली विधायक शीशपाल केहरवाला ने कहा कि उनके एरिया में भी डिमांड के हिसाब से डीएपी की आपूर्ति नहीं की गई.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खाद संकट पर सरकार को घेरते हुए कहा कि 12 नवंबर के स्टॉक के बारे में मुख्यमंत्री जवाब दें.
सीएम सैनी ने जब सोमवार के स्टॉक का रिकार्ड सदन में रखा तो हुड्डा ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जरूरत के समय अगर किसानों को खाद नहीं मिला तो अब स्टॉक करने का क्या औचित्य है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है. राज्य में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. सैनी ने कहा कि प्रदेश में किस पैक्स पर कितनी खाद उपलब्ध है, उसका डेटा भी सरकार के पास है. नवंबर के लिए 1 लाख 10 हजार 200 मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन हुआ है. सिरसा में पहली अक्टूबर को डीएपी का प्रारंभिक स्टॉक 1063 मीट्रिक टन उपलब्ध था और आज 2217 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है.
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि केंद्रीय अधिकारियों द्वारा हर मंगलवार को स्टॉक, आपूर्ति व जरूरत की समीक्षा की जाती है. नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़ ने उकलाना मंडी में एक किसान द्वारा आत्महत्या करने का मामला फिर से उठाया तो भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया. सीएम ने कहा कि इस पर पहले ही चर्चा हो चुकी है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कृषि मंत्री के जवाब में आत्महत्या करने वाले किसान का जिक्र है तो इस पर सवाल किया जा सकता है. इस मुद्दे पर काफी कहासुनी हुई. कृषि मंत्री ने सदन में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि प्लाईवुड उद्योगों में कृषि-ग्रेड यूरिया की चोरी को नियंत्रित करने के लिए विभाग बेईमान तत्वों पर नियमित छापेमारी करता है. पहली अप्रैल से प्लाईवुड उद्योगों से यूरिया के नौ नमूने लिए गए. चार लाइसेंस निलंबित किए गए हैं. तीन एफआईआर दर्ज की हैं. साथ ही, 150 मीट्रिक टन कृषि ग्रेड यूरिया (एजीयू) जब्त किया है. विभाग द्वारा 185 छापे मारे और 105 एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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