Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जिले हाथरस (Hathras) में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे देश को झनझोर कर रख दिया है. इस मामले की जांच के लिए बनी स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने मंगलवार को कुल 850 पन्नों की रिपोर्ट प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) को सौंप दी है. रिपोर्ट के आधार पर पाए गए सभी अधिकारियों के खिलाफ योगी सरकार ने एक बड़ा एक्शन लिया है. मुख्यमंत्री योगी ने सीओ, एसडीएम और तहसीलदार समेत कुल 6 अधिकारियों को निष्कासित कर दिया है.
एसआईटी रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 128 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. जिसमें 2 जुलाई को सत्संग ड्यूटी में तैनात सीओ सिंकदरारऊ, डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले सभी अधिकारियों के बयान दर्ज किए थे. इस रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी को इस भगदड़ का प्रमुख आरोपी भी बतायया गया है, वहीं दूसरी ओर सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के नाम का इस रिपोर्ट में कहीं जिक्र भभी नहीं किया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाथरस में आयोजित सत्संग के कार्यक्रम को स्थानीय प्रशासन ने काफी हल्के में लिया है. जिले के उप-प्रभागीय न्यायाधीश ने बिना कार्यक्रम की जगह देखें आयोजन करने की अनुमति दे दी थी. और इसके बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया.
SIT द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आयोजक कमेटी के सदस्यों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम करने की अनुमति एसडीएम से ली थी. सत्संग के दौरान सेवादारों के रुप में काम कर रहे लोग भी जिम्मेदार ठहराए गए हैं, क्योंकि इन सेवादारों का कोई पुलिस वैरिफिकेशन नहीं हुआ था. साथ ही इन्ह लोगं ने भीड़ के बीच अव्यवस्था फैलाई और पुलिस को जांच करने से रोका.