International Labour Day 2024: 1 मई यानि आज के दिन पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) मना रही है. हर साल 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाता है. आज का दिन दुनिया भर के श्रमिकों और मजदूर वर्ग के योगदान और बलिदान के इतिहास को याद दिलाता है. साथ ही उनके अधिकारों को बढ़ावा देने के तौर पर भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं. आखिर क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल लेबर डे और क्या है इसका महत्व ?
इंटरनेशनल लेबर डे का इतिहास
इंटरनेशनल लेबर डे (International Labour Day ) की शुरुआत 1886 में अमेरिका में हुए एक क्रांति से हुई थी. दरअसल, उस समय अमेरिका में मजदूरों को काफी ज्यादा काम करना पड़ता था लेकिन उस हिसाब से उन्हें वेतन नहीं दिया जाता था. जिसके वजह से 1 मई 1886 के दिन शिकागो में हजारों की संख्या में मजदूरों ने 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग के उद्देश्य से हड़ताल कर दी. देखते ही देखते इस हड़ताल ने हिंसा का रूप धारण कर लिया. जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी और कई गंभीर से रूप से घायल हुए.
मजदूरों के इस क्रांति के बाद से 1889 में दूसरे इंटरनेशनल समाजवादी कांग्रेस ने 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे के रूप में मनाना का फैसला किया गया था और 1890 में इस दिन को पहली बार सेलिब्रेट किया गया था. तभी से आज के दिन को इंटरनेशनल लेबर डे के रूप में मनाया जाने लगा. हालांकि, भारत में 1923 से इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाता है.
इंटरनेशनल लेबर डे का महत्व
इंटरनेशनल लेबर डे के महत्व की बात करें तो ये दिन समाज के निर्माण और विकास में श्रमिकों के अहम भूमिका को याद दिलाता है. इतना ही नहीं लेबर डे श्रमिकों को एक बेहतरीन और सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां, काम के हिसाब से उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर भी देता है. यह दिवस श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए श्रमिक संगठनों को एकजुट होने का अवसर भी प्रदान करता है.