Haryana News: देश भर में माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा हेतु नवरात्रों की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. इसी दिन हिंदू नव वर्ष का भी शुभारंभ होता है. नवरात्रों को लेकर बाजारों में खूब तैयारी की गई है. लगभग हर घर में माता के अखंड जलाई जाती है तथा मंदिरों एवं अनुष्ठानों पर ही माता से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन अगले नौ दिन तक जारी रहता है. इन दोनों धर्म प्रेमी विशेष रूप से जो माता का व्रत धारण करते हैं. केवल सात्विक खाना खाकर ही वह व्रत को पूरा करते हैं. आमतौर पर इन दिनों में घरों में प्याज का खाना बंद हो जाता है, क्योंकि माता के इन दिनों को पूर्ण रूप से शुद्ध माना जाता है और किसी प्रकार का तामसी खाना नहीं पकाया जाता है. जिले के सभी विभिन्न मंदिरों में माता के नवरात्रों को लेकर श्रद्धालुओं का आना जारी है. जिले के आदीबद्री स्थित प्राचीन मंदिरों में से माता मंत्रा देवी का प्राचीन मंदिर है.
कहा जाता है कि मंत्रा देवी मंदिर में माता की तपस्या करती थी तो भगवानपुर वाले स्थान पर आकर माता विश्राम करती थी. हिमाचल की सीमा से लगाते हुए गांव भगवानपुर में स्थित माता मंत्रा देवी के मंदिर में नवरात्रे को लेकर विशेष रूप से तैयारी की जाती है. मंदिर प्रबंधन समिति के बरखाराम ने बताया कि अष्टमी को विशेष रूप से हर वर्ष की तरह कन्या पूजन होता है तथा मेला आयोजित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह हर वर्ष केवल जिले से ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकने पहुंचते हैं. उनका कहना था कि माता को मंत्रों की शक्ति से प्रकट किया गया था इसलिए माता मंत्रा देवी का नाम दिया गया.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार