फतेहाबाद: किसान आंदोलन के चलते पिछले 40 दिन से बंद किए गए रतिया- बुढ़लाडा रोड पर रोझांवाली-पंजाब बॉर्डर को खोलने की मांग को लेकर किसानों ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासन को रास्ता खोलने की चेतावनी दी है.
खेती बचाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता राम जाट ने बताया कि गांव अयाल्की से शुभकरण की अस्थियों को गांव रोझांवाली की भाखड़ा नहर में प्रवाहित करना है। इसी को लेकर भारी संख्या में हरियाणा व पंजाब के लोग यहां जुटेंगे. ऐसे में इस रास्ते को नहीं खोला गया तो खेती बचाओ संघर्ष समिति के किसान अपने स्तर पर ही रास्ते को खोलकर सीधे वहां से बरेटा ड्रेन पर पहुंचेंगे. प्रवक्ता ने बताया कि इसको लेकर उन्होंने प्रशासन को भी सूचित कर दिया है. प्रशासन को बताया गया है कि प्रशासन बुधवार सुबह ही अपने लेवल पर रास्ते को खोल दे नहीं तो किसानों को रास्ता खोलने पर मजबूर होना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किसानों को रोकने के नाम पर 9 फरवरी को ही रतिया-बुढ़लाडा रोड को बंद कर आम लोगों को परेशान कर रही है. इससे पिछले 40 दिनों से लोगों का पंजाब में जाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे ही पंजाब के लोगों का यहां हरियाणा में आना मुश्किल हो रहा है. इसको लेकर कई बार प्रशासन से रास्ता खोलने की मंगदी की गई लेकिन अब किसानों ने खुद ही रास्ते को खोलने का बीड़ा उठाया है. डीएसपी संजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें उच्च अधिकारियों से अभी रास्ता खोलने के निर्देश नहीं मिले हैं. किसानों द्वारा अपने लेवल पर रास्ता खोलने की किसी प्रकार की जानकारी उन्हें नहीं है. अपनी जिम्मेदारियों के तहत वह किसी भी तरह से कानून व्यवस्था को बिगडने नहीं देंगे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार