हरिद्वार: तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया साबरी के विरुद्ध साढे़ सात वर्ष से चल रहे चेक बाउंस के मुकदमे में न्यायालय ने दोष मुक्त करार देते हुए उसे बरी कर दिया है.
लक्सर कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदपुर कुन्हारी गांव निवासी शरीफ अहमद ने 15 जुलाई वर्ष 2016 को तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया साबरी के खिलाफ लक्सर न्यायालय में वाद दायर किया गया था. शरीफ अहमद का आरोप था कि आतिया, साबरी फरीदी विकास समिति के नाम से सुल्तानपुर में एक संस्था को संचालित करती है.
करीब दो वर्ष पूर्व आतिया साबरी और उसका भाई रिजवान जो संस्था का अध्यक्ष है. उसके पास आए और उससे कहा कि संस्था में यदि वह कुछ रकम लगायेंगे, तो पांच साल बाद उन्हें दोगुनी रकम मिल जाएगी. इस पर भरोसा कर उसने दो बार दो-दो लाख रुपये संस्था में जमा कराए, लेकिन कुछ समय बाद उसे पता चला कि उक्त लोग संस्था के नाम पर ठगी का कार्य करते हैं. जिस पर उसने उन्हें दी गई अपनी रकम वापस किए जाने के लिए दबाव बनाया, तो उसे पंजाब नेशनल बैंक का चार लाख का चेक उसे दिया गया. इसका 10 मई 2016 को भुगतान होना था. उसके द्वारा चेक को अपने खाते में जमा कराया गया तो खाते में पैसा ना होने के चलते चेक बाउंस हो गया.
उधर, मामले में आरोपित बनाई गयी आतिया साबरी ने अपने अधिवक्ता संजय वर्मा के माध्यम से न्यायालय को बताया कि उसके द्वारा उनसे कोई चेक नहीं लिया गया. बल्कि उसके पति द्वारा उससे तीन तलाक लेने के बाद उसे झूठे मामले में फंसाने के लिए उसका फर्जी खाता खुलवाकर उसके नाम से अपने साथियों अफजल, समीर व शरीफ के माध्यम से तीन चेक खाते में जमा कराए गए. चेकों पर उसके कोई हस्ताक्षर नहीं है. आतिया के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उसकी शादी 25 मार्च 2012 को वाजिद निवासी मोहम्मदपुर कुन्हारी से हुई थी. शादी के बाद आतिया के दो पुत्रियों को जन्म देने पर उसे जहर देकर मारने का प्रयास किया गया, जिसका मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर न्यायालय में चल रहा है. उसके पति द्वारा उस पर दबाव बनाने के लिए अपने साथियों की मदद से उसके खिलाफ फर्जी वाद दायर किया गया. दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रेश्वरी सिंह ने आरोपित आतिया साबरी को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया.
हिन्दुस्थान समाचार