सिरसा: सिरसा मेजर नहर से शाह सतनामपुरा व डेरे की अन्य कॉलोनियों को पानी देने के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा लगाए जा रहे मोघे के विरोध में धरनारत गांवों के ग्रामीणों ने अपने तेवर तीखे करने शुरू कर दिए है. इसी कड़ी में बुधवार को धरनारत दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने सिरसा में ट्रैक्टर मार्च निकाला और लघु सचिवालय पर पहुंचे. किसानों का यह धरना हिसार रोड स्थित बाजेकां मोड़ पर चल रहा है.
बुधवार की सुबह धरनारत ग्रामीण किसान नेता रवि आजाद,भरत झाझड़ा, कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क, रघुबीर नकौड़ा, राज कुमार शेखुपुरिया, बाबा गुरदीप सिंह,कृपाशंकर त्रिपाठी के नेतृत्व में ग्रामीण अपने-अपने ट्रैक्टर्स के साथ धरना स्थल पर पहुंचे. वहां से ट्रैक्टर मार्च आरंभ हुआ जो दिल्ली पुल, महाराणा प्रताप चौक, बस स्टैंड सिरसा, बरनाला रोड होते हुए लघु सचिवालय में पहुंचा. एक साथ मार्च में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर देखकर शहर के लोग भी हैरान हो गए. लोगों को लगा कि फिर से किसान आंदोलन शुरू हो गया है,मगर बाद में साफ हुआ कि यह मार्च तो ग्रामीणों द्वारा निकाला गया है.
इससे पूर्व धरनारत ग्रामीणों ने कहा कि कई गांवों के लोग संयुक्त रूप से इस मोघे का विरोध कर रहे है. क्योंकि अगर सिरसा मेजर नहर से शाह सतनाम पुरा व अन्य कॉलोनियों को पानी की सप्लाई होती है तो उनके गांवों में पेयजल का संकट गहरा जाएगा. ग्रामीणों को कहना है कि प्रशासन व संबंधित विभाग को अनेक बार मौखिक व लिखित रूप में समस्या को लेकर अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन अभी तक अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या की ओर गौर करना उचित नहीं समझा है. प्रशासन की बेरूखी के चलते ही ग्रामीणों को मजबूरन ट्रैक्टर मार्च का निर्णय लेना पड़ा है. अगर इसके बाद भी प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग को अनसुना किया तो ग्रामीणों को मजबूरन ठोस निर्णय लेना पड़ेगा,जिसका जिम्मेवार प्रशासन व पब्लिक हैल्थ विभाग होगा.
साभार: हिन्दुस्थान समाचार