चंडीगढ़: हरियाणा में स्वास्थ्य तथा अन्य विभागों की तर्ज पर प्रदेश में चल रही आंगनवाड़ियों में भी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के हजारों पद रिक्त पड़े हुए हैं. हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने गुरुवार को विधानसभा में झज्जर से विधायक गीता भुक्कल के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है.
कमलेश ढांडा ने बताया कि वर्ष 2012-13 की योजना के माध्यम से प्रदेश में 25 हजार 962 आंगनवाड़ी केंद्र तथा 512 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र चल रहे हैं. उन्होंने बताया के प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 25 हजार 962 स्वीकृत पदों के मुकाबले 23 हजार 874 पद भरे हैं, जिसमें 2088 पद रिक्त हैं. इसी प्रकार आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 25 हजार 450 स्वीकृत पदों के मुकाबले 21 हजार 644 पद भरे हुए हैं. प्रदेश में आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 3986 पद रिक्त हैं.
महाग्राम योजना में कवर हुए 121 में से केवल 12 गांव-
हरियाणा सरकार प्रदेश में दस हजार से अधिक जनसंख्या वाले सभी गावों में वर्ष 2027 तक सीवरेज सुविधान प्रदान की जाएगी. हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को कांग्रेस विधायक वरूण चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए प्रदेश सरकार से राज्य में दस हजार से अधिक जनसंख्या वाले गावों पर रिपोर्ट मांगी. वरूण मुलाना ने दस हजार से अधिक जनसंख्या वाले गावों की संख्या तथा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई सीवरेज सुविधा पर जानकारी मांगी. इसके जवाब में हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ.बनवारी लाल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार हरियाणा में दस हजार से अधिक जनसंख्या वाले 121 गांव हैं.
इन गांवों में अभी तक फरीदाबाद जले के गांव सोतई व तिगांव, गुरुग्राम जिले का गांव नाहरपुर, कैथल जिले के गांव क्योडक़ व पाई, करनाल जिले के गांव काछवा, पानीपत जिले के गांव सिवाह, यमुनानगर जिले के गांव सरस्वती नगर, सोनीपत जिे के गांव खानपुर कलां तथा सौंधहड़, व पलवल जिले के गांव दीघोट व भिदुकी में सीवरेज व्यवस्था की गई है. सरकार ने सदन में दावा किया है कि इस सूची के अनुसार महाग्राम योजना के तहत सभी गावों में 31 दिसंबर 2027 तक सीवरेज सुविधा प्रदान की जाएगी.
साभार: हिन्दुस्थान समाचार