चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले समय के दौरान किसानों को आवंटित की गई अनुदान राशि में हुए घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी. हरियाणा सरकार द्वारा दस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के बावजूद केंद्र सरकार इसकी विस्तृत जांच करवाना चाहती है. केंद्र ने एक पत्र के माध्यम से हरियाणा सरकार से इस बारे में टिप्पणी मांग ली है.
किसानों को फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की ग्रांट बांटने में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है. केंद्र सरकार ने इसे बारे में हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर सहमति मांगी है. हरियाणा सरकार भी इस मामले की विस्तृत जांच के पक्ष में है लेकिन केंद्र को अभी तक इस बारे में पत्र लिखकर लिखित सहमति नहीं दी गई है.
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की ग्रांट बांटने में गड़बड़ी से जुड़ी जो शिकायत केंद्र सरकार के पास पहुंची, उसमें कहा गया है कि हरियाणा सरकार के बागवानी विभाग के अफसरों ने एफपीओ के नाम पर मंजूर होने वाली ग्रांट किसानों के बैंक खातों में जमा ही नहीं करवाई. शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री के स्तर से करवाई गई जांच में भ्रष्टाचार का खुलासा हो चुका है.
बागवानी विभाग किसानों को पानी बचाने के लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक से सिंचाई करने के लिए प्रोत्साहित करता है. इसमें सरकार किसानों को ड्रिप इरिगेशन पर 85 प्रतिशत तक अनुदान देती है. केंद्र सरकार को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि इस योजना का लाभ लाभार्थियों को पहुंचाने में नियमों का उल्लंघन किया गया है.
मुख्यमंत्री के आदेशों पर विभाग के 10 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इनमें से चार अफसरों को निलंबित करने के साथ ही रूल-7 के तहत चार्जशीट कर दिया गया. रूल-8 के तहत 6 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई.
सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली है. गृह विभाग ने मंगलवार की रात इससे जुड़ी फाइल सीएमओ भेज दी है. अब अंतिम निर्णय सीएमओ द्वारा ही लिया जाएगा.
साभार:हिन्दुस्थान समाचार