चंडीगढ़: चंडीगढ़ में नगर निगम मेयर के चुनाव को लेकर शुरू हुआ विवाद आधी रात को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया. कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर रात 12.30 बजे जज आलोक जैन के आवास पर सुनवाई हुई. जज ने बुधवार शाम पांच इस मामले की अगली सुनवाई तय की गई है.
कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके पार्षद जसवीर बंटी को चंडीगढ़ पुलिस ने भाजपा के साथ मिलकर हाउस अरेस्ट कर लिया है. लक्की ने हाई कोर्ट से बंटी को चंडीगढ़ पुलिस की कैद से छुड़ाने की मांग की है. लक्की ने सबूत के तौर पर बंटी का कल रात का वीडियो लगाया है, जिसमें वह कह रहे हैं कि पुलिस ने उन्हें घर भेज दिया जबकि वह पूर्व मंत्री पवन बंसल के घर जाना चाहते थे.
जसवीर बंटी को कांग्रेस ने 18 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव में उम्मीदवार बनाया था. इसके बाद कांग्रेस-आप का गठबंधन हो गया और मेयर की सीट आप के कोटे में चली गई. इसके बाद बंटी को नामांकन वापस लेना था लेकिन भाजपा इसके विरोध में डटी हुई है. बंटी को मंगलवार की रात चंडीगढ़ पुलिस की सिक्योरिटी में उनके घर छोड़ा गया. भाजपा उनसे संपर्क न करे, इसके लिए रात भर कांग्रेस और आप कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर पहरा लगाकर रखा.
कांग्रेस के अध्यक्ष लक्की ने याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि उनके पार्षद जसवीर सिंह बंटी ने मेयर चुनाव के लिए नामांकन किया था. वह अपने इस नामांकन को वापस लेना चाहते हैं लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है और उन्हें फ्री नहीं घूमने दे रही है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए रात 12.30 बजे जस्टिस आलोक जैन के घर पर इस केस की सुनवाई की गई. चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से सरकारी वकील मनीष बंसल और दीपेंद्र बराड़ को याचिका की कॉपी अदालत ने दे दी है. उनकी तरफ से अदालत को बताया गया है कि किसी प्रकार का कोई अवैध डिटेंशन नहीं किया गया है. उन्हें कुछ समय के लिए सुरक्षा दी गई है. इस पर अदालत ने आज शाम पांच बजे चंडीगढ़ पुलिस से जवाब मांगा है.
साभार:हिन्दुस्थान समाचार