चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि युगांडा सहित कुछ अफ्रीकी देशों ने हरियाणा के साथ समझौते करने और अपने छात्रों को एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए हरियाणा भेजने में रुचि व्यक्त की है. युगांडा की जनसंख्या हरियाणा के बराबर है लेकिन वहां पर केवल दो मेडिकल कॉलेज हैं। ऐसे ही कई अफ्रीकी देशों ने हरियाणा से इस बारे में संपर्क किया है.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को पंचकूला में 30 एकड़ भूमि पर 800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की आधारशिला रखी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा बनाए जाने वाले नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का नाम डॉ. मंगल सेन के नाम पर रखा जाएगा. प्रारंभिक चरण में 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी और इस परियोजना पर 300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय का अनुमान है. पूरी परियोजना 30 महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। इस मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस सीटें होंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने की घोषणा की थी. चरखी दादरी और पलवल को छोड़कर हर जिले में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित किए गए हैं. जिनमें से 6 सरकारी, 1 सहायता प्राप्त और 8 निजी सहित कुल 15 पहले ही संचालित हो चुके हैं. शेष जिले में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने की प्रक्रिया चल रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज थे. 2014 और 2019 के बीच यह संख्या बढक़र 12 हो गई, जो 2019 से वर्तमान तक 15 तक पहुंच गई है. सभी के पूरा होने पर भविष्य में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढक़र 29 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों के पूरा होने पर राज्य में एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या 3500 तक पहुंच जाएगी.
इन मेडिकल कॉलेज के संचालित होने के बाद राज्य का हर वर्ष 3500 डॉक्टर मिलेंगे. इसके अतिरिक्त, विशेष डॉक्टरों की आवश्यकता को पूरा करते हुए पीजी सीटों की संख्या 851 से बढक़र 1200 हो जाएगी.
साभार:हिन्दुस्थान समाचार