चंडीगढ़: हरियाणा में आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं का शिकार लोगों को अब मुआवजा मिलेगा. हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को लागू कर दिया है. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को बताया कि मुआवजा निर्धारित करने हेतु सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है.
सरकार द्वारा ऐसी दुर्घटनाओं के कारण मुआवजा देने के लिए पहले से ही दीन दयाल अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना चलाई जा रही है. उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार इस योजना में भी उपयुक्त संशोधन किया जाएगा. यह कमेटी दावा प्रस्तुत किए जाने के चार माह के अंदर मुआवजे पर अपना निर्णय देगी.
मुख्य सचिव ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक निर्णय को लागू करने के संबंध में सोमवार को बुलाई गई बैठक में जिला स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक या उप-पुलिस अधीक्षक (यातायात), संबंधित क्षेत्र का सब डिविजनल मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि इस कमेटी के सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी दुर्घटना पंचायत एरिया में होती है तो डीडीपीओ,यदि जंगली जानवर से दुर्घटना होती है तो डीएफओ,यदि राज्य मार्ग पर होती है तो एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर, यदि पालिका क्षेत्र में होती है तो अतिरिक्त आयुक्त या पालिका सचिव, यदि राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माण कार्य वाले क्षेत्र में होती है तो संबंधित कम्पनी का प्रोजेक्ट डायरेक्टर आदि इस कमेटी के सदस्य होंग. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में मुआवजे के बारे में निर्णय लेते समय मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के दिशा-निर्देशों और मानकों को ध्यान में रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि मुआवजे पर निर्णय संबंधित विभाग के प्रधान सचिव या एनएचएआई के परियोजना निदेशक को भेजा जाएगा, जिसे छह सप्ताह के अन्दर दावेदार को मुआवजे का भुगतान करना होगा.
उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं में गाय, बैल, सांड, गधा, नीलगाय, भैंस सहित पालतू जानवर भी शामिल होंगे. उच्च न्यायालय ने कुत्ते का एक दांत लगने पर 10 हजार रुपये और यदि कुत्ते के काटने पर किसी व्यक्ति का मांस उखड़ जाता है तो कम से कम 20 हजार रुपये मुआवजा देने के लिए कहा है.
साभार:हिन्दुस्थान समाचार