चंडीगढ: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को वृंदावन में स्थित वात्सल्य गांव में पहुंचे और साध्वी ऋतंभरा को उनके 60वें जन्म दिवस की शुभकामनाएं दीं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि संत परंपरा अनंत है और संतों के मार्गदर्शन से हमें व्यवस्थित जीवन जीने और निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. संतों ने आदिकाल से ही समाज को अच्छे संस्कार दिए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृंदावन का बृज क्षेत्र भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि है, जहां श्री कृष्ण ने अनेक लीलाएं रची. भगवान कृष्ण ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गीता उपदेश युद्ध के बीच दिया, जिसमें उन्होंने जीवन कैसे जिया जाए और संपूर्ण जीवन का सार भी बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय गीता के संदेश के अनुसार ही विश्व को कर्म व शांति के संदेश को आत्मसात करने की आवश्यकता है.
भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता उपदेश देते हुए अर्जुन को कर्म करने का संदेश दिया. भगवान कृष्ण ने मानव जाति की भलाई व शांति के लिए युद्ध करने की आवश्यकता के बारे में अर्जुन को बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें वर्षों से जिसका इंतजार था, अब वह दिन आने वाला है. आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला आने वाले हैं. हम सभी 22 जनवरी को दिवाली मनाएंगे.
अगले वर्ष में दो बार दिवाली मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि समाज को स्वस्थ व दुरुस्त बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि नशे जैसी बीमारी को खत्म किया जाए. नशे को खत्म करने के लिए हम सभी को एक अभियान चलाना होगा, नहीं तो मादक पदार्थों के सेवन से हमारी आने वाली पीढ़ी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा .मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सभी संतो व आम जनता को वर्ष 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संतों के साथ तीन पुस्तकों नामत: साध्वी ऋतंभरा व राम जन्मभूमि आंदोलन, नर से नारायण व वात्सल्य मूर्ति का विमोचन भी किया.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार