रांची: साल 2023 की विदाई और साल 2024 के आगमन में महज एक दिन शेष है. ऐसे में हर किसी की तरह राजनीतिक दलों के नेता भी यह हिसाब लगाने में जुटे हैं कि मौजूदा साल उनके लिए कैसा रहा और उन्हें 2024 से क्या उम्मीदें हैं. प्रदेश भाजपा के लिए साल 2023 बदलाव भरा रहा. सांगठनिक स्तर पर पार्टी में कई फेरबदल हुए. सबसे बड़ा बदलाव बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष का कमान सौंपा गया. साथ ही रांची मेयर आशा लकड़ा को कई राज्यों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलती रही.
विधायक जेपी पटेल विधायक दल के नेता के बजाय विधानसभा में पार्टी के उप मुख्य सचेतक बने. विधायक अमर कुमार बाउरी विधायक दल के नेता बनने में सफल हुए. पार्टी विधायक दल के नेता बनने के बाद अमर कुमार बाउरी नेता प्रतिपक्ष के रूप में मनोनीत हुए. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का राजनीतिक कद बढ़ा. उन्हें जनजातीय कार्य मंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा पिछले दिनों मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा झारखंड के दो नेताओं को मुख्यमंत्री चयन के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी गई. पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय जनजातीय मामलों के साथ-साथ कृषि मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे अर्जुन मुंडा को छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया. रांची की मेयर आशा लकड़ा को मध्य प्रदेश में सह पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी ने नियुक्त किया गया.
दीपक प्रकाश के स्थान पर चार जुलाई को प्रदेश भाजपा की बागडोर बाबूलाल मरांडी के हाथों में सौंपा गयी.बाबूलाल मरांडी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उनके समर्थकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई. बाबूलाल की टीम में शामिल होने के लिए पुराने भाजपा कार्यकर्ता से लेकर झारखंड विकास मोर्चा से भाजपा में आने वाले पार्टी नेता और कार्यकर्ता मशक्कत करने लगे.
इन सबके बीच बाबूलाल मरांडी ने राज्य के सभी जिलों में संकल्प यात्रा के जरिए वर्तमान हेमंत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कार्यकर्ताओं को आह्वान किया. ऐसे में समय दर समय बीतता चला गया और पार्टी के नेता कार्यकर्ता पिछले छह महीने से प्रदेश कार्यसमिति के गठन की प्रतीक्षा करते रहे. इन सबके बीच पार्टी एक ओर जहां मिशन 2024 को लेकर तैयारी में जुटी रही, वहीं दूसरी ओर हेमंत सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक में आंदोलन करती रही.
साल 2023 में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का झारखंड दौरा हुआ. झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर का प्रधानमंत्री का दो दिवसीय झारखंड दौरा कई मायनों में अहम रहा. रांची में रात्रि विश्राम के बाद खूंटी स्थित बिरसा मुंडा की जन्मस्थली का दौरा कर प्रधानमंत्री ने झारखंड सहित देशवासियों को करोड़ों रुपये की योजनाओं का सौगात दी. प्रधानमंत्री के इस दौरा ने राज्य में भाजपा को एक नई ऊर्जा देने का काम किया. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई केंद्रीय नेताओं का दौरा होता रहा. जाहिर तौर पर इन नेताओं के दौरे से ना केवल संगठन के अंदर नयी ऊर्जा का संचार हुआ, बल्कि कार्यक्रम के जरिए पार्टी जनता के बीच अपनी सक्रियता बनाने में सफल रही है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार