गुरुग्राम: जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है-जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं, अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीन हमने-अभी तो सारा आसमान अभी बाकी है. कुछ इसी तरह के बुलंद इरादों से मात्र 12 के घुड़सवार सातवीं कक्षा के छात्र पुनीत जाखड़ ने जूनियर नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप-2023 में घोड़ों की लगाम थामकर बेहतरीन प्रदर्शन किया. मैच देखने वाला हर कोई शख्स उनकी घुड़सवारी का दीवाना हो गया. आर्मी रिटायर्ड ऑनरेरी कैप्टन राजपाल सिंह बतौर कोच पुनीत जाखड़ को घुड़सवारी में गहन प्रशिक्षण दे रहे हैं.
छह साल की उम्र से घोड़े की लगाम थामकर उसे अपने इशारों पर चलाने की शुरुआत करने वाले गुरुग्राम निवासी पुनीत जाखड़ पुत्र प्रवीन जाखड़ कठिन अभ्यास से लगातार घुड़सवारी में निखरते जा रहे हैं. अनेक स्पर्धाओं में उन्होंने मेडल जीते हैं. हाल ही में बैंगलोर के एएससी सेंटर ऑफ कालेज में हुई जूनियर नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप-2023 में पुनीत जाखड़ और उनके घोड़ों ने जो करतब दिखाए, वे हर किसी को हैरान कर गए. घोड़ों के साथ पुनीत की साझेदारी ने यह दिखा दिया कि उनकी प्रतिभा किस स्तर की है. इस चैंपियनशिप में पुनीत ने टीम के रूप में भाग लेकर अंडर-12 कैटेगरी ड्रेसेज (ड्रेसेज एक घुड़सवारी प्रतियोगिता है, जहां घोड़े और सवार को इस आधार पर आंका जाता है कि वे किस तरह से गतिविधियों की एक श्रृंखला का प्रदर्शन करते हैं) में कांस्य पदक, अंडर-12 शो जम्पिंग में टीम रूप में सिल्वर पदक, अंडर-12 संचायक में व्यक्तिगत रूप से चौथा स्थान हासिल किया. भविष्य की योजनाओं के बारे में पुनीत बताते हैं कि उसका फोकस यूरोपियन लोकल गेम्स 2024 समर, यूथ ओलम्पिक 2030 और एशियन गेम्स 2030 पर है. इसके लिए वे कड़ा अभ्यास कर रहे हैं.
पुनीत की 2023 से पहले की उपलब्धियां
पुनीत ने भोपाल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शो जम्पिंग (अंडर-12) में टीम रूप में पहला स्थान, 2021 में मुम्बई में अंडर-12 स्पर्धा में व्यक्तिगत तौर पर चौथा स्थान हासिल किया. 2020 में नई दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर खेलते हुए पुनीत जाखड़ ने शो जम्पिंग अंडर-12 में चौथा स्थान हासिल किया. इसी साल दिल्ली में हुए हॉर्स शो में पुनीत ने शो जम्पिंग अंडर-12 में व्यक्तिगत तौर पर पहला स्थान, टीम के रूप में इसी स्पर्धा में पहला स्थान और फॉल्ट एंड आउट अंडर-12 स्पर्धा में तीसरा स्थान हासिल किया.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार