यमुनानगर: प्रदेश भर के सरकारी डॉक्टरों के शुक्रवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने के फैसले का यमुनानगर के नागरिक अस्पताल में कोई असर देखने को नहीं मिला. यहां पर ओपीडी के साथ-साथ आपातकालीन सेवाएं भी जारी रही. हालांकि जिले में 102 डॉक्टरों में से 46 सरकारी डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया.
वहीं डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए ओपीडी को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 15 एनएचएम के डॉक्टर, डेंटिस्ट और मेडिकल स्टूडेंट से आपातकालीन सेवाओं को चला रहे हैं. हालांकि नागरिक अस्पताल यमुनानगर में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन यमुनानगर की ओर से आमजन से अपील का एक पोस्टर भी लगाया हुआ था. जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रदेश के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. जनसंख्या के हिसाब से दस हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर होने चाहिए. लेकिन 2500 ही डॉक्टर है. दो हजार से ज्यादा स्पेशलिस्ट होने चाहिए लेकिन 700 ही काम कर रहे हैं. इसी कमी के चलते एक डॉक्टर रोजाना 200 से 250 मरीज का इलाज करता है. एक डॉक्टर पर बहुत बोझ है. मरीज का सही तरीके से इलाज नहीं हो पाता. काफी समय से सरकार से मांग कर रहे हैं कि स्पेशल डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए. काफी समय से सरकार उनकी मांग और सुझाव नहीं मान रही है. यह मरीज के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है. इसलिए सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल रखी है.
उन्होंने पोस्टर में लिखा है कि हमारी हड़ताल के दौरान मरीजों को होने वाली सुविधाओं के लिए खेद रहेगा. एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉक्टर विपिन गोंडवाल ने कहा कि हड़ताल में सभी डॉक्टर शामिल है. वहीं सिविल सर्जन डॉक्टर मंजीत सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण फिर से फैल रहा है. ऐसे में डॉक्टर हड़ताल न करें. सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा करेगी. अस्पताल में ओ पी डी सहित आपातकालीन सेवाएं जारी है. ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे मरीजों ने बताया कि डॉक्टर ओपीडी में मरीजों की जांच कर रहे है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार