चंडीगढ़: हरियाणा में बुधवार को डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ीं. हड़ताल के कारण कई जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं. स्वास्थ्य महानिदेशक ने प्रदेशभर के सभी जिला सिविल सर्जनों से हड़ताल को लेकर रिपोर्ट मांगी है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस हड़ताल को असफल और अवैध बताया, तो वहीं डाक्टरों ने इसे कामयाब बताया है.
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश सभी सरकारी अस्पतालों में आज डॉक्टर हड़ताल पर रहे. कई जिलों में डाॅक्टर डयूटी पर पहुंचने के बाद अपनी बायोमेट्रिक हाजिरी लगायी और बाद में हड़ताल में शामिल हो गए.
दोपहर तक पंचकूला मुख्यालय पर जब यह सूचना पहुंची तो स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय ने कई जिलों में फोन करके इस बारे में पता किया गया. हड़ताल की अवधि के दौरान किसी प्रकार का विवाद न हो इसलिए डाक्टर हाजिरी लगाकर हड़ताल पर चले गए. हड़ताल के कारण प्रदेश के कई जिलों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरएस पूनिया के अनुसार कई जिलों में डाक्टरों के हाजिरी लगाने के बाद हड़ताल पर जाने की सूचना मिली है. जिसके आधार पर सभी जिलों के सिविल सर्जनों से रिपोर्ट मांगी गई है. इसके अलावा पिछले दिनों डाॅक्टरों की दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल को लेकर भी रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद उसे सरकार को भेजा जाएगा.
डॉक्टरों की स्पेशलिस्टों के लिए अलग कैडर की मांग हो चुकी है पूरी: विज
प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल के संबंध में हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह हड़ताल अवैध है और डॉक्टरों की स्पेशलिस्टों के लिए एक अलग कैडर की मुख्य मांग स्वीकृत की जा चुकी है. इसकी जानकारी डाॅक्टरों को दे भी दी गई है. शेष मसलों पर मिल बैठकर विचार किया जा सकता है, मगर हड़ताल अवैध है. उन्होंने कहा कि डाक्टर काफी समझदार होते हैं और हरियाणा में ज्यादातर डाॅक्टर काम कर रहे हैं. विज ने कहा कि कोरोना का नया वायरस आ चुका है. हरियाणा में इससे बचाव की तैयारियां की जा रही हैं. जिसमें स्वास्थ्य विभाग की भूमिका सबसे अहम है. ऐसे में डाक्टरों को हड़ताल जैसा कदम उठाने की बजाए बातचीत के लिए आगे आना चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार