चंडीगढ़: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर थीम पार्क में एक मिनट-एक साथ गीता के वैश्विक पाठ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज का विश्व कोरोना जैसी महामारी तथा युद्ध जैसी विभीषिकाओं के कारण अपने आपको को अंधेरी कोठरी में असहाय सा समझ रहा है. ऐसे हालात में हर किसी को भारत से आशा बंधी है कि उसकी संस्कृति व गीता रूपी विरासत दुनिया को बचा सकती है. भारत के प्रति विश्व का जो विश्वास बना है, हम उसको बनाएं रखेंगे.
मनोहर लाल ने कहा कि गीता का सार है कि हमें कर्म करते रहना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए. इसी को आत्मसात करते हुए वे स्वयं हरियाणा की 2.80 करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हुए सेवा कर रहे हैं. आज एक मिनट-एक साथ गीता के पाठ से एकरूपता का संदेश मिला है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत गीता और हमारे ग्रंथ स्कूल पाठ्यक्रम में जोड़ने का कार्य जारी है. इस साल गीता के 54 श्लोक पाठ्यक्रम में शामिल होंगे. भविष्य में और भी श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि छात्र जीवन में गीता के सभी 700 श्लोकों की जानकारी मिल सके.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिस्वा सरमा का अभिनंदन करते हुए कहा कि मां कामाख्या देवी जी की पावन धरा असम राज्य इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भागीदार राज्य है. उन्होंने बताया कि महाभारत के युद्ध में असम के महाराज भगदत्त के नेतृत्व में भाग लिया था. उसी क्षेत्र के महाबली घटोत्कच और महाबली बर्बरीक की दंत कथाएं तो पूरे देश में आज भी प्रचलित हैं.
भगवान श्रीकृष्ण का असम से भी रहा है गहरा संबंध: हिमन्त बिस्वा सरमा
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिस्वा सरमा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में महाभारत के समय में पूरे भारत का संगम हुआ था. भगवान श्रीकृष्ण का असम से गहरा संबंध था. श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी असम से थीं. इसलिए असम में श्रीकृष्ण को दामाद मानते हैं. महाबली भीम ने भी असम में शादी की थी. अर्जुन ने उनके राज्य पड़ोसी मणिपुर में शादी की थी. उन्होंने कहा कि अंग्रेज सोचते थे कि भारत को अंग्रेजों ने बनाया है, लेकिन यह सत्य नहीं है. भारत का इतिहास बहुत पुराना है. यहां की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है. उन्होंने गीता महोत्सव में निमंत्रण के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया.
18 हजार विद्यार्थियों के 18 श्लोकों के उच्चारण से गूंज उठा नभ
इस मौके पर 18 हजार विद्यार्थियों द्वारा गीता के 18 श्लोकों का उच्चारण किया, जिससे आसमान गूंज उठा. इसी तरह से देश के कोने-कोने व विश्व में भी गीता को श्लोकों का उच्चारण किया गया. इस दौरान गीता ज्ञान संस्थानम के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से कुरुक्षेत्र का सम्मान और भगवत गीता की पहचान विश्व में बनी है. गीता के प्रति बच्चों व लोगों की रुचि बढ़ी है. इस मौके पर राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा विधायक सुभाष सुधा और प्रबुद्ध संत उपस्थित रहे.
हिन्दुस्थान समाचार