रोहतक: रियो ओलंपिक में मेडल विजेता साक्षी मलिक द्वारा खेल से सन्यास लेने की घोषणा पर परिजन आहत है और साक्षी की मां ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी के करियर का अंत ऐसे होगा. साथ ही मां सुदेश मलिक ने कहा कि साक्षी राजनीति में महिलाओं की आवाज बेहतर तरीके से उठा सकती है, लेकिन राजनीति में आने का फैसला साक्षी को स्वंय लेना होगा.
2016 में रियो ओलंपिक में मेडल लेकर देश का नाम रोशन करने वाली साक्षी मलिक ने गुरुवार को रोते हुए कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की. साक्षी की मां सुदेश मलिक का कहना है कि शोषण के खिलाफ चालीस दिन तक सड़क पर लड़ाई लड़ी, मगर उन्हें न्याय नहीं मिला. वह अपनी लड़ाई नहीं लड़ रही थी, बल्कि उस बृजभूषण जैसी बड़ी ताकत से लड़ रहे थे. अब अध्यक्ष का चुनाव हुआ और बृजभूषण का ही समर्थक अध्यक्ष बना और अब बृजभूषण ही अपनी चलाएगा.
उन्होंने कहा कि जो सरकार की तरफ से न्याय का आश्वासन मिला था, वह सिर्फ आश्वासन ही निकला. वे सभी कुश्ती संघ में सुधार करना चाहते थे, एक महिला को अध्यक्ष बनाना चाहते थे ताकि परिवर्तन हो. कोई भी महिला कुश्ती खिलाड़ी अपनी बात आसानी से रख सके. उनकी आवाज सुन सके. यह बृजभूषण की जीत हुई है जिससे आहत होकर साक्षी ने संन्यास लिया है.
हिन्दुस्थान समाचार