जींद: एडीजे नेहा नौरिया की अदालत ने शुक्रवार को स्कूल की मान्यता फाइल निकालने की ऐवज में 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक को चार वर्ष की कैद तथा 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को नौ माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार गांव शामलो कलां में निजी स्कूल संचालक मनधीर कौशिक ने दो फरवरी 2016 को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में बताया गया था कि उसके स्कूल को आठवीं से दसवीं तक का करने संबंधी मान्यता के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में फाइल दी हुई है. डीईओ कार्यालय का सहायक मुनीराम बूरा 50 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था. 10 हजार रुपये पहले दे दिए गए थे, लेकिन पूरे 50 हजार रुपये लिए बिना स्कूल को मान्यता देने की फाइल को लंबित रख रहा था. अब वह बकाया 40 हजार रुपये की और मांग रहा था.
शिकायत के आधार पर विजिलेंस टीम ने कार्रवाई करके सहायक मनीराम बूरा को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. तभी से मामला अदालत में विचाराधीन था. शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नेहा नौरिया की अदालत ने मनीराम को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में दोषी करार देते हुए चार साल का कारावास तथा 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
हिन्दुस्थान समाचार