जयपुर, 20 दिसंबर (हि.स.)। देश के साथ राजस्थान में भी कोविड के नए वैरिएंट का
खतरा मंडराने लगा है। पॉजिटिव पाए जाने पर अब सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का
फैसला किया गया है। केरल, तमिलनाडु और गोवा में कोरोना
टेस्ट सैंपल में कोरोना का नया वैरिएंट सॉर्स कॉव 2 जेएन 1
पाया गया है। इसके बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है और सभी
पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम
में राजस्थान का चिकित्सा महकमा भी सक्रिय हो गया है। प्रदेश के चिकित्सा
संस्थानों में आने वाले आईएलआई और श्वसन रोगों से पीड़ित (आईएलआई/सारी) रोगियों की
निगरानी और आवश्यकतानुसार जांच के लिए सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा
सिंह ने निर्देश दिए हैं कि केरल में सॉर्स कॉव-2 जेएन.1
वैरिएंट के रोगी पाए जाने के दृष्टिगत प्रदेश के चिकित्सा
संस्थानों में आने वाले आईएलआई एवं श्वसन रोगों से पीड़ित (आईएलआई/सारी) रोगियों की
सतत निगरानी की जाए एवं आवश्यकतानुसार जांच के लिए नमूने लिये जाएं। उन्होंने
रोगियों की सूचना प्रतिदिन आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किए जाने के भी निर्देश दिए।
एसीएस ने शासन सचिवालय में राज्य में कोविड-19, आईएलआई और एसएआरआई रोगों की विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि केरल में पाए गए सॉर्स कॉय-2 जेएन 1
वैरिएंट का प्रदेश में एक भी रोगी चिह्नित नहीं हुआ है, लेकिन एहतियातन सभी चिकित्सा संस्थानों में रोगियों के उपचार के लिए
आवश्यक आइसोलेशन बैड, ऑक्सीजन बैड, आईसीयू बैड, वेन्टीलेटर, दवाइयां और जांच सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त निदेशक-जोन, सीएमएचओ, आईडीएसपी टीम आईएलआई और एसएआरआई रोगियों की निगरानी रखेंगे। ऐसे
रोगियों की जांच कराई जाएगी। यदि किसी जिले में कोविड पॉजिटिव रोगी पाए जाते हैं
तो उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब में भिजवाया जाएगा। ये सुविधा जयपुर,
जोधपुर और कोटा में उपलब्ध है।