हिसार, 14 दिसंबर | भारत के युवाओं को रोजगार तलाशने की बजाय उद्यमिता
की तरफ आगे बढ़ना चाहिए. इसके लिए हमारे युवाओं को मन में
दृढ़ संकल्प करके अपने कौशल, सोच व तकनीक को बढ़ाने की जरूरत है. तभी हमारे देश का युवा आत्मनिर्भर बनकर खुद को
स्वावलंबी बनाएगा, जिससे 2047 तक हमारा देश निश्चित तौर पर विकसित देशों में शुमार हो जाएगा. यह बात प्रसिद्ध समाजसेवी एवं अर्थशास्त्र
विशेषज्ञ सतीश कुमार ने कही. वे गुरुवार को हरियाणा कृषि
विश्वविद्यालय में उद्यमिता: नए भारत का नया मंत्र विषय पर गोष्ठी में बोल रहे थे. गोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने की.
उन्होंने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और
स्वावलंबी बनने के लिए उद्यमिता का गुण अपनाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि आज
के युवा रोजगार प्राप्त करने के लिए मुख्यत: तीन प्रकार की धारणाएं रखते हैं. इनमें पहली धारणा यह है कि रोजगार केवल सरकारी एवं
गैर-सरकारी संगठन से ही मिलता है, दूसरा उच्च डिग्री, प्रमाण-पत्र एवं
डीएमसी प्राप्त करके ही रोजगार प्राप्त किया जा सकता है और तीसरा रोजगार केवल
सरकार ही उपलब्ध करवाती है. युवाओं को इन गलत
धारणाओं से बाहर निकलकर उद्यमिता का गुण अपनाना होगा.
उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के
लिए 5 सूत्री मंत्र भी
बताया. उन्होंने कहा कि पहला युवाओं को अपने अंदर कुछ न
कुछ सीखने का संकल्प धारण करना होगा ताकि वे जल्दी से जल्दी रोजगार प्राप्त कर
सकें. दूसरा युवाओं को रोजगार को तलाश करने की बजाय
छोटी-छोटी स्वरोजगार इकाइयां स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. तीसरा नौजवानों को नई व बड़ी सोच एवं कुछ लीक से हटकर सोचने की
मानसिकता को धारण करना चाहिए. चौथा युवाओं को सकारात्मक
सोच के साथ मेहनत, ईमानदारी, नवाचारों को अपनाने एवं जोखिम लेने जैसे गुणों को धारण करना चाहिए. पांचवां युवाओं को राष्ट्र को प्राथमिता देने एवं
स्वदेशी सामग्री को अपनाना चाहिए. कुलपति प्रो. बीआर
कंबोज ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में उपस्थित विद्यार्थियों को उद्यमिता की तरफ कदम
बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.
विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशक डॉ. अतुल
ढींगड़ा ने सभी का स्वागत किया जबकि राष्ट्रीय सेवा योजना अवार्डी डॉ. भगत सिंह ने
धन्यवाद किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के
अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, डॉ. चंद्रशेखर डागर, स्वयंसेवक एवं विद्यार्थी भी मौजूद रहे.