हिसार, 8 दिसंबर | हरियाणा के भूमिहीन, बेरोजगार, अशिक्षित ग्रामीण पुरूष व महिला
कृषकों में अब मधुमक्खी पालन के प्रति रुचि पैदा करने व छोटी मधुमक्खी पालन इकाई
की स्थापना कर इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने में आर्थिक व तकनीकी मदद देने की
दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. इसके लिए चौधरी चरण
सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच एमओयू
हुआ है.
कुलपति प्रो. बीआर कंबोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से
अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से
उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन के कार्यकारी निदेशक एसके कनौजिया ने इस एमओयू पर
हस्ताक्षर किए. इस दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड
की तरफ से उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन से डिप्टी जनरल मैनेजर नीरज सिंह व मैनेजर
अनुराग जायसवाल भी मौजूद रहे.
कुलपति प्रो. कंबोज ने कहा कि हरियाणा शहद उत्पादन में अग्रणी
राज्यों में से एक है. मधुमक्खी पालन क्षेत्र में हरियाणा
राज्य पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है. प्रदेश के भूमिहीन,
बेरोजगार, अशिक्षित व कम जोत वाले किसान
मधुमक्खी पालन को रोजगार के रूप में अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते
हैं. उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों
खासतौर पर महिलाओं में मधुमक्खी पालन को लोकप्रिय बनाकर स्वरोजगार को स्थापित करना
है. इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लिमिटेड के उत्तरी क्षेत्रीय
पाइपलाइन के कार्यकारी निदेशक एसके कनौजिया ने बताया कि हरियाणा में मधुमक्खी पालन
में रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं. हरियाणा कृषि
विश्वविद्यालय किसानों से सीधे तौर से जुड़कर उनके उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा
रहा है