गुरुग्राम, 9 दिसम्बर । नगर
निगम गुरुग्राम द्वारा हड़ताली कर्मचारियों को स्पष्ट किया गया है कि सरकार द्वारा
लागू किए गए काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत की पालना प्रभावी ढंग से की जा रही
है. वेतन व अन्य लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को दिए
जाएंगे, जो शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी का निर्वहन कर
रहे हैं. जो कर्मचारी हड़ताल पर हैं, उन्हें वेतन या
अन्य लाभ नहीं दिए जाएंगे.
शुक्रवार को जारी एक प्रेस-विज्ञप्ति के माध्यम
से नगर निगम गुरुग्राम द्वारा कहा गया कि कुछ लोग सफाई कर्मचारियों को बरगलाने की
कोशिश कर रहे हैं कि प्रदर्शन स्थल पर हाजरी रजिस्टर में अगर उनकी हाजरी दर्ज होगी, तभी उन्हें वेतन
व लाभ मिलेगा. जबकि सरकार द्वारा यह स्पष्ट
किया गया है कि जो कर्मचारी काम नहीं करेगा, उसे वेतन नहीं दिया जाएगा. अगर कोई अधिकारी ऐसे कर्मचारियों को वेतन की
अदायगी करता है, तो उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई सरकार द्वारा की जाएगी. वहीं, दूसरी ओर माननीय न्यायालय ने हड़ताली
कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए यह भी कहा है कि वे किसी भी सरकारी कार्यालय के
परिसर में धरना-प्रदर्शन या हड़ताल नहीं कर सकते, क्योंकि इससे कार्यालयों में अपने
रोजमर्रा के कामों के लिए आने वाले नागरिकों को परेशानी होती है.
नगर निगम द्वारा ऐसे कर्मचारियों की भी पहचान की
जा रही है, जो काम नहीं करते. वेतन लेते हैं तथा
इस मामले में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है, जो घोस्ट
कर्मचारियों को शह देते हैं. ऐसे मामले में
जांच के दौरान दो वरिष्ठ सफाई निरीक्षकों की संलिप्तता पाए जाने पर सरकार द्वारा
उनका स्थानांतरण कर दिया गया है. इस जांच में जो भी
अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नगर निगम गुरुग्राम द्वारा कहा गया कि अब तक लगभग
1300 नियमित व निगम
रोल सफाई कर्मचारी काम पर वापिस लौट चुके हैं तथा जो शेष बचे हैं और काम करने के
इच्छुक हैं, वे काम पर लौटें. सफाई कर्मचारी
किसी के भी बहकावे में ना आएं तथा शहर के नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को
समझें. शहर के नागरिक भी अब खुलकर हड़ताल का विरोध कर रहे
हैं तथा नागरिकों का कहना है कि जो कर्मचारी काम नहीं करना चाहते, उन्हें हटाकर
उनकी जगह मशीनों से काम करवाया जाए, ताकि भविष्य में हड़ताल जैसी स्थिति
उत्पन्न ना हो सके.