उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले तीन दिनों से निर्माणाधीन टनल (सुरंग) में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर सिल्क्यारा और डंडालगांव (पोलगांव) के बीच बनाई जा रही है। बचाव टीम में शामिल NHIDCL (नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) के डायरेक्टर टेक्निकल अतुल कुमार ने मीडिया को बताया कि टनल से मलबा हटाने के दौरान ऊपर से लगातार मिट्टी धंस रही है। इससे बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। इसलिए हमने अब 900 मिलीमीटर यानी 36 इंच व्यास के स्टील पाइप के जरिये मजदूरों को निकालने की योजना बनाई है।
उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र सिंह पटवाल ने बताया है कि 900 एमएम व्यास के ह्यूम पाइप मलबे के अंदर छेद कर डालने के लिए लाई गई ऑगर मशीन (ड्रिल मशीन) ने काम करना बंद कर दिया है। ह्यूम पाइप अंदर डालकर इससे फंसे लोगों को बाहर निकालने के इस प्लान में बाधा आ गई है। इसके चलते दिल्ली से अब एक और अधिक शक्तिशाली मशीन मंगाई गई है, जिसे एयर लिफ्ट किया जा रहा है।
वहां मौजूद एक्सपर्ट का कहना है कि निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार मिट्टी गिर रही है, जिससे बचाव अभियान में बाधा आ रही है और दो राहतकर्मी भी घायल हुए हैं। रेस्क्यू टीम फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने और उन्हें बाहर निकालने के लिए पाइप को रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है। मलबा करीब 40 मीटर चौड़ा है। मशीन इसमें से खुदाई करके रास्ता बना रही है, जिसें 24 घंटे या इससे ज्यादा लग सकते हैं।
यह टनल हर मौसम में खुले रहने वाले चारधाम रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसके बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम हो जाएगी। सर्दियों में बर्फबारी के दौरान राड़ी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री हाइवे बंद हो जाता है। इससे यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालयों बड़कोट, पुरोला और मोरी का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। यह डबल लेन सुरंग इसी समस्या का निदान है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर बन रही 4.5 किलोमीटर लंबी टनल उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडालगांव को जोड़ रही है। सिल्क्यारा के मुहाने की तरफ टनल धंसी।