अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (24 नवंबर) को आदेश सुरक्षित रखा लिया. याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने मांग की कि अडानी- के शेयर में हुए निवेश की जांच हो. यह भी देखा जाए कि किसे क्या फायदा मिला.
सेबी ने कहा कि उसने सभी पहलुओं की जांच पहले ही कर ली है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सोमवार तक लिखित दलीलें जमा करवाने को कहा. अडानी मामले की सुनवाई दोबारा शुरू हुई. सुनवाई में इस बात पर चर्चा हुई कि भविष्य के लिए शेयर बाजार का कामकाज कैसे बेहतर बनाया जा सकता है.
सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि यहां (कोर्ट में) पेश होने वाले कुछ लोग बाहर की संस्थाओं को अपनी रिपोर्ट भेजकर उसे उनके जरिए छपवाते हैं और फिर उसके आधार पर कोर्ट में आरोप लगाते हैं. (इशारा प्रशांत भूषण पर लगता है। हालांकि, नाम नहीं लिया.
सॉलिसीटर जनरल ने सेबी ने कोर्ट की तरफ से तय समय सीमा में जांच पूरी की. इस कारण अवमानना का मामला भी नहीं बनता. (एक और याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने अवमानना की कार्रवाई की मांग की थी मेहता ने उसका जवाब दिया है.)