छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में रहने वाले 4 परिवारों का घर वापसी का मामला सामने आया है, जहां कभी मिशनरियों के दबाव में ईसाई बने 4 परिवारों के 20 लोगों ने सनातन धर्म को अपना लिया.सभी लोगों के लिए विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की गई, जिसमें वैदिक परंपरा के अनुसार विधि विधान से घर वापसी की गई.
कैसे की गई घर वापसी
महारा समाज ने जो लोग बस्तर जिले में कभी भटक कर दूसरे पंथों में चले गए उनको वापस सनातन जड़ों की ओर लौटाने के लिए यह समाज अभियान चला रहा है.इस समाज के लोग उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं, जो कि कभी ईसाई मिशनरियों या फिर कट्टरपंथी मुस्लिमों के बहकावे में आकर अपना मत परिवर्तित कर चुके हैं.इसी तरह बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाले जगदलपुर जिले के हाटपदमूर गांव के रहने वाले 4 परिवारों से भी संपर्क किया गया और उनकी घर वापसी कराई. बताया जा रहा है कि ये परिवार 20 साल पहले ईसाई मिशनरियों के संपर्क में आए. मिशनरियों ने इन सभी का ब्रेनवॉश किया और इन्हें ईसाई बना दिया.
गौरतलब बात यह है कि ये सभी जन्म से ही हिन्दु थे, सबका रहन- सहन अब तक सनातनी ही था और वे सनातन धर्म से काफी प्रभावित थे. बहुत समय से ये लोग घर वापसी करना चाहते थे लेकिन, सही समय का इंतजार कर रहे थे.इसी बीच जब महारा समाज के लोगों ने इनसे संपर्क साधा तो सभी ने 20 साल के बाद वापस सनातन धर्म में घर वापसी करने की ठानी. इस सब के बाद हिन्दु संगठनों ने एक विशेष यज्ञ का आयोजन किया और कार्यक्रम में चारों परिवारों के कुल 20 लोगों ने सनातन धर्म को अपना लिया. बताया जा रहा है कि सभी ने अपनी मर्जी से ही घर वापसी की है.