Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह (CM Nayab Singh Saini) ने कहा कि हरियाणा में ई-भूमि पोर्टल (E-Land Portal) पर अपनी इच्छा से ऑफर की गई जमीन से लैंड-बैंक (Land-Bank) बनाया जाएगा. इस लैंड बैंक की मदद से प्रोजेक्ट जल्द पूरे हो पाएंगे. राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल से सरकारी योजनाओं के लिए भूमि एकत्रित करने की दिशा में देश भर में पहला प्रयोग है.
हरियाणा में पिछले लंबे समय से सरकारी योजनाओं को सिरे चढ़ाने में जमीन की कमी आड़े आ रही है. ज्यादातर मामलों में भूमि अधिग्रहण के बाद किसान कोर्ट में चले जाते हैं और मामला लटक जाता है. अब सरकार ने जमीन देना उसके मालिकों की इच्छा पर छोड़ दिया है.
मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई हाई पावर्ड लैंड परचेज कमेटी की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा, वन एवं वन्य जीव राज्य मंत्री संजय सिंह भी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि कई ऐसे लोग भी हैं, जो कल्याणकारी कार्यों के लिए नि:शुल्क जमीन दान कर देते हैं. उन्होंने जींद जिला के बड़ौली गांव में बनाए जा रहे जलघर के लिए इसी गांव के रामेहर द्वारा 2.8 एकड़ भूमि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को नि:शुल्क ऑफर किये जाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे लोग समाज में अनुकरणीय मिसाल पेश करते हैं.
मुख्यमंत्री ने अम्बाला, भिवानी, हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा तथा सोनीपत जिलों में ई-भूमि पोर्टल पर भूमि मालिकों द्वारा तयशुदा रेट के अनुसार ऑफर की गई जमीन से सम्बंधित चर्चा की और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मालिकों से भी बात की. उन्होंने अम्बाला जिले में पम्प हाउस से पानी की निकासी किये जाने के लिए चिह्नित जमीन के अलावा हिसार जिला के आदमपुर से दड़ौली रोड पर आरओबी के सर्विस रोड, हिसार जिला में जींद-बरवाला रोड से राखीगढ़ी म्यूजियम तक नई सड़क बनाने और रेवाड़ी जिले के कोसली कस्बे में नया बाईपास बनाने के लिए ई-भूमि पोर्टल पर ऑफर की गई जमीन के बारे विस्तार से विचार-विमर्श किया. उन्होंने उक्त परियोजनाओं से सम्बंधित जिलों के उपायुक्त तथा भूमि मालिकों से भी बातचीत करके इन एजेंडों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ई-भूमि पर ऑफर की जाने वाली जमीन का मौके पर मुआयना करके यह तसल्ली कर लें कि वह जमीन किसी प्रोजेक्ट के लिए काम आ सकती है या नहीं. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वन क्षेत्र को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए. अगर किसी प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटने आवश्यक हों तो उनकी पूर्ति के लिए नियमानुसार नये पौधे अवश्य लगाए जाने चाहिएं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार