Swati Maliwal Assault: दिल्ली हाई कोर्ट ने सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपित बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई योग्य माना है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने के साथ इस मामले को रोस्टर बेंच के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया.
हाई कोर्ट ने इस मसले पर 31 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान बिभव के वकील एन हरिहरन ने कहा था कि इस मामले में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा था कि अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है. बिभव के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी के आधार और वजह आरोपित को नहीं बताया गया। गिरफ्तारी के आधार को लिखित में दर्ज करना है. अपराध प्रक्रिया की धारा 41ए के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है.
बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए मुआवजे की मांग की है. बिभव कुमार ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी करते समय अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का पालन नहीं किया गया है। बिभव कुमार फिलहाल पुलिस हिरासत में है.
तीस हजारी कोर्ट ने 27 मई को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 28 मई को बिभव कुमार को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल ने कोर्ट में कहा था कि एक बहुत बड़ा यूट्यूबर है जो पहले आम आदमी पार्टी का वालंटियर था, उसने एकतरफा वीडियो बनाया. उसके बाद उन्हें लगातार जान से मारने और रेप की धमकी आने लग गए. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि पीड़ित महिला की छवि बहुत अच्छी है. उस अकेली महिला को आरोपित द्वारा मारा जा रहा है. उन्होंने कहा था कि वह मौजूदा सांसद हैं. वह दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन रह चुकी हैं.
दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि एफआईआर में स्वाति ने खुद साफ किया कि उसने पुलिस को अप्रोच करने में देरी क्यों की. वो इस घटना के बाद ट्रॉमा में थी, इस वजह से देरी हुई. बिभव के वकील ने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज में कहीं भी स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की पुष्टि नहीं होती है. उन्होंने कहा था कि अगर पुलिस को शिकायत देने में भी तीन दिन लग रहे है तो यह साफ है कि इस दौरान स्वाति साजिश रच रही थी.
इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था। घटना 13 मई की है. दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किया था. बिभव कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर कर रखी है जो अभी लंबित है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार