Bihar Reservation: बिहार में नीतीश सरकार को हाई कोर्ट (Patna High Court) से बड़ा झटका लगा है. वीरवार (20 जून) को पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार द्वारा आरक्षण के दायरा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने वाले फैसले को रद्द कर दिया है.
पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा शिक्षा संस्थानों और नौकरियों में ओबीसी, एससी- एसटी और अन्य पिछड़े श्रेणी के लोगों को 65 प्रतिशत आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका पर वीरवार (20 जून) को सुनवाई की थी.
पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में 11 मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिस पर आज यानि 20 जून को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.
जानें बिहारी की कुल आबादी के कितने प्रतिशत लोगो करते हैं सरकारी नौकरी?
बिहार सरकार के पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक बिहार राज्य में सामान्य वर्ग के केवल 15 प्रतिशत लोग है. सामान्य श्रेणी में सरकारी नौकरी में काम करने वाले लोगों की संख्या 641,281 हैं, वहीं दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग की आबादी 63 प्रतिशत हैं और उनकी श्रेणी में सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या 621,481 है. तीसरे स्थान पर 19 प्रतिशत के साथ अनुसूचित जाति के साथ सरकारी नौकरी में काम करने वाले लोगों की संख्या 2,91,004 है. सबसे कम और चौथे स्थान पर अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 प्रतिशत है जिसमें से 30,164 लोग सरकारी नौकरी में हैं.