Haryana Politics: अंबाला लोकसभा (Ambala LokSabha) से सांसद बनने के बाद मुलाना विधानसभा हलके के विधायक वरुण चौधरी ने शनिवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इसके बाद अब विधानसभा में विधायकों की संख्या कम होकर 87 हो गई है.
इन विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा
हरियाणा में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान विधासभा के सात विधायक चुनावी रण में उतरे थे. इनमें से मनोहर लाल तथा रणजीत चौटाला पहले ही विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं. कांग्रेस ने इस चुनाव में मुलाना के विधायक वरुण चौधरी को अंबाला लोकसभा हलके से, राव दान सिंह को भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा हलके से प्रत्याशी बनाया था. इसके अलावा इनेलो विधायक अभय चौटाला कुरुक्षेत्र से तो बाढड़ा से जननायक जनता पार्टी की विधायक नैना चौटाला हिसार लोकसभा हलके से चुनाव लड़ी थी.
सात में से केवल दो विधायक मनोहर लाल तथा वरुण चौधरी ही लोकसभा में पहुंच पाए हैं. आज वरुण चौधरी सांसद बनने के बाद पहली बार चंडीगढ़ विधानसभा में पहुंचे और विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता से मुलाकात करके उन्हें विधायक पद से इस्तीफा सौंपा. स्पीकर ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में मनोहर लाल व रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफा दिए जाने के बाद विधायकों की संख्या कम होकर 88 रह गई थी. इसके बाद बीती 25 मई को बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद सदन में विधायकों की संख्या 87 पहुंच गई थी. करनाल उपचुनाव में मुख्यमंत्री नायब सैनी के जीतने के बाद सदन में विधायकों की संख्या फिर से बढ़कर 88 हो गई.
आज वरुण चौधरी द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद सदन में विधायकों की संख्या 87 रह गई है. विधानसभा में तीन सीटें रिक्त होने के बावजूद यहां उपचुनाव नहीं होंगे. क्योंकि हरियाणा में इसी साल अक्टूबर माह के दौरान सामान्य चुनाव होने हैं. जिसके चलते अभी कुछ महीने मुलाना, रानियां तथा बादशाहपुर विधानसभा हलके तीन माह के लिए विधायकों के बगैर ही चलेंगे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार