Haryana Politics: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के बीच हरियाणा सरकार को मंगलवार ( 7 मई ) को एक बड़ा झटका लगा है. मंगलवार (7 मई) को तीन निर्दलीय विधायको ने प्रदेश के बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी, साथ ही कांग्रेस पार्टी का साथ देने का फैसला लिया है. तीन निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंधर और सोमबीर सांगवान ने रोहतक में कॉन्फ्रेस के जरिए इस बात का एलान किया था, उस दौरान वहा पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे. इनके इस फैसले से हरियाणा की सैनी सरकार अल्पमत में आ गई, लेकिन इसके बावजूद सैनी सरकार को अपनी सरकार खोने का कोई भी खतरा नहीं है. आइए जानें क्या कहती हैं यहां की गणित.
जानिए यहां सीटों का समीकरण
हरियाणा प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीटें है, जिसमें से 40 सीटों पर बीजेपी के विधायक, 30 सीटों पर कांग्रेस के विधायक, 10 सीटों पर जजपा के विधायक, इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के पास 1-1 विधानसभा सीटें है , बाकी 6 सीटों पर निर्दलीय विधायक है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाल के विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद यह 2 सीटें खाली हैं. जिसके चलते बीजेपी को अपने सरकार बनाए रखने के लिए 88 विधानसभा सीटों के आधार पर 45 विधायकों की जरुरत पड़ेगी, फिलहाल बीजेपी के पास 43 विधायकों ( 40 बीजेपी, 1एचएलपी विधायक और 1 निर्दलीय विधायक) का ही समर्थन हैं.
साथ ही भाजपा यह कयास लगा रही है कि जजपा पार्टी से बागी विधायक उन्हें समर्थन दे सकते हैं. लेकिन 2 विधायकों की कमी होने से बीजेपी सरकार इस वक्त अल्पमत में आ गई है. हांलाकि बीजेपी ( सैनी सरकार) को किसी भी तरह का कोई खतर नहीं है क्योंकि 12 मार्च, 2024 को नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत हासिल कर लिया था. जिसके बाद संविधान के अनुसार अगले छह महीने यानि अगस्त-सिंतबर तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता सकता है. जिसके चलते अगस्त महीने तक सैनी सरकार टूट और गिर नही सकती है. उसके बाद सिंतबर- अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव आयोजित किए जाएंगे. फिलहाल तब तक हरियाणा सरकार को किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है.