Karnal Lok sabha Seat: हरियाणा (Haryana) की करनाल लोकसभा सीट (Karnal Lok Sabha Seat) का काफी दिलचस्प इतिहास रहा है. चुनाव के दौरान यह सीट हमेशा से चर्चा में रही है. इस सीट से कई महान नेताओं ने अपनी किस्मत अजमाई है. करनाल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाला करनाल और पानीपत जिले का अपना एक इतिहास रहा है, जिसे आज भी लोगों के द्वारा याद किया जाता है. इस करनाल हॉट सीट ने कई दिग्गज नेताओं को जीत के लिए तरसाया भी है. करनाल सीट को मुख्यत ब्राह्मण सीट के तौर पर भी जाना जाता है. करनाल सीट पर इस बार 18वीं बार लोकसभा चुनाव होने जा रहा है. जिसमें से कांग्रसे पार्टी (Congress Party) ने एक नहीं, दो नहीं बल्कि 11 बार जीत दर्ज की है, लेकिन 2014 में बीजेपी के अश्विनी कुमार (Ashwini Kumar) ने भारी मतों से जीत हासिल कर सीट अपने नाम की थी. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार संजय भाटिया सांसद है. इस बार 2024 में होने वाले आम चुनाव से करनाल सीट से राज्य के पूर्व मंत्री मनोहर लाल खट्टर को मैदान में उतारा है.
जानें कौन-कौन से उम्मीदवारों ने इस सीट पर अजमाई अपनी किस्मत ?
करनाल लोकसभा के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा की सीटें आती है. जिसमे से 5 सीटों पर बीजेपी के हाथों में हैं. हरियाणा के महान नेता और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजन लाल को साल 1999 में हुए चुनाव में इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें चिंरजीलाल शर्मा के विपरीत खड़ा किया गया था. चिंरजीलाल के बेटे कुलदीप शर्मा हरियाणा विधानसभा के स्पीकर भी रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी की नेत्री और विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज भी करनाल सीट से जीत के लिए तरस गई थी. वह तीन बार चुनाव के लिए इस सीट से मैदान में प्रत्याशी के तौर पर उतरी थी, लेकिन उन्हें तीनों बार बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था.
करनाल सीट पर साल 1952 से चुनाव हो रहे हैं, जिसमें 11 बार कांग्रेस और 3 बार बीजेपी पार्टी ने जीतकर सीट अपने नाम की थी. सबसे पहले साल 1952 में हुए आम चुनाव में वीरेन्द्र कुमार सत्यवादी कांग्रेस पार्टी इस सीट से उम्मीदवार बने थे. साल 1980 से 1991 तक चिरंजी लाल शर्मा रहे हैं. साल 1977 में जनता पार्टी (भगवत दयाल शर्मा) से यहां से सीट जीत कर अपना खाता खोला था. उसके बाद 1996 (ईश्वर दयाल शर्मा) में बीजेपी ने एक बार फिर यहां से जीत हासिल की थी.
साल 2019 में हुए आम चुनाव में चिंरजी लाल के बेटे कुलदीप शर्मा करनाल सीट से मैदान में उतरे थे, इसके विपरीत बीजेपी पार्टी ने संजय भाटिया को टिकट दिया था, लेकिन संजय भाटिया को जनता ने 9,11,594 यानि 70.08 प्रतिशत के साथ इस सीट का सांसद चुना था. जबकि कुलदीप शर्मा को केवल 2,55,452 यानि 19.64 प्रतिशत वोट मिले थे.
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार अश्विनी चोपड़ा कांग्रेस के नेता अरविंद शर्मा को हराकर करनाल सीट के 16वें सांसद बने थे. अश्विनी चोपड़ा को 5,94,817 यानि 49.84 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार अरविन्द कुमार शर्मा को 2,34,670 वोटर्स यानि केवल 19.66 प्रतिशत वोट ही मिले थे.
क्या है करनाल सीट का जाति समीकरण ?
वैसे तो इस सीट पर 1952 से लेकर अभी तक ज्यादातर नेता ब्राह्राण समाज से जुड़े हैं. वहीं अगर बात करें समुदाय की, तो सबसे ज्यादा यहां पंजाबी समाज के वोटर्स हैं, दूसरे नंबर पर ब्राह्राण वोटर्स हैं. बाकि अन्य समुदाय जाट, ओबीसी और एससी वोटर्स है.
2024 में किन नेताओं में होगा मुकाबला ?
चुनाव आयोग ने 25 मई को हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव आयोजित किए हैं. जिसमें बीजेपी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मैदान में उतारा है. बाकि किसी अन्य पार्टी ने अभी तक इस सीट से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है. कयास लगा जा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी इस सीट से वीरेन्द्र मराठा को मैदान में उतार सकते हैं.