Gurugram Politics: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर कांग्रेस (Congress) ने हरियाणा में अभी तक टिकटों की घोषणा नहीं की है. फिर भी टिकट को लेकर यहां रोज नई चर्चाओं को जन्म मिलता है. फिल्म अभिनेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर (Raj Babbar) का यहां की राजनीति में दूर-दूर तक का कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन गुरुग्राम लोकसभा में रोज उनके नाम की चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह की टक्कर में कांग्रेस द्वारा राज बब्बर को यहां से चुनाव मैदान में उतारे जाने की चर्चाएं होती रहती हैं. वैसे यहां से कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नाम भी सामने आ रहा है.
गुरुग्राम लोकसभा सीट (Gurugram Lok Sabha Seat) पर एक तरह से निवर्तमान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कब्जे वाली सीट ही है. क्योंकि वे पिछली कई योजनाओं से यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं. वह भी अच्छे मार्जिन से. ऐसे में उनका तोड़ किसी राजनीतिक दल के पास नहीं है. सिर्फ राव इंद्रजीत स्वयं राजनीति दलों की झोली में गुरुग्राम लोकसभा की सीट डालते हैं. जब वे कांग्रेस में थे तो तब कांग्रेस से जीत दर्ज कर रहे थे, अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) में हैं तो अब भी वे ही जीत रहे हैं. एक तरह से यह उनकी पुश्तैनी सीट बन चुकी है. रह-रहकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं फिल्म अभिनेता राज बब्बर के नाम की यहां पर लगातार चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि राज बब्बर की ना तो यह राजनीतिक कर्मस्थली है और ना ही उनका यहां से कभी कोई रिश्ता-नाता रहा है. संगठन भी इतना मजबूत नजर नहीं आ रहा कि किसी को कहीं से टिकट दे दे और वह जीत दर्ज कर जाए. गुरुग्राम लोकसभा सीट पर यहीं से ही ऐसा मजबूत नेता चाहिए, जो जीत ना सके तो कम से कम राव इंद्रजीत सिंह को टक्कर जरूर दे. फिलहाल तो ऐसा कोई नेता नजर नहीं आ रहा है.
राज बब्बर के अलावा यहां से पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव, राव दान सिंह, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज के नाम भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं में चल रहे हैं. लोकसभा चुनाव के मैदान में राव इंद्रजीत सिंह को टक्कर देने वाले नेता की यहां दरकार है. यहां कांग्रेस नेताओं में सिर्फ कैप्टन अजय यादव ही ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा है. बाकी राव दान सिंह विधानसभा का ही चुनाव लड़ते रहे हैं. जितेंद्र भारद्वाज के पास अभी तक चुनाव लडने का कोई अनुभव नहीं है. वे संगठन के नेता के रूप में ही काम करते रहे हैं. ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक जमीन में सेंधमारी करना कांग्रेस के लिए इतना आसान नजर नहीं आ रहा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार