नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सभी सात जिला अदालतों में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इनमें ट्रैफिक चालान, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद इत्यादि से जुड़े मामलों का निपटारा किया जाएगा। यह जिला अदालतें हैं- तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, राऊज एवेन्यू कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, द्वारका कोर्ट और साकेत कोर्ट।
लोक अदालत का अर्थ है जनता की अदालत। यह एक ऐसा मंच है जहां आपसी सहमति से विवादों का निपटारा किया जाता है। लोक अदालत विवादों को सुलझाने का वैकल्पिक साधन है। लोक अदालत में पक्षकारों की सहमति ही विवादों के समाधान का आधार होते हैं, लेकिन वे समाधान कानून के विपरीत नहीं हो सकते हैं।
लोक अदालत में उन आपराधिक मुकदमों को छोड़कर जिनमें कानूनन समझौता संभव नहीं है, सभी दीवानी और आपराधिक मुकदमों का आपसी समझौते से निपटारा किया जाता है।कोर्ट में मामला जाने से पहले भी ऐसे विवाद जिन्हें कोर्ट के समक्ष दायर नहीं किया गया है उनका भी प्री लिटिगेशन स्तर पर यानी मुकदमा दायर किए बिना ही दोनों पक्षोंं की सहमति से लोक अदालतों में निपटारा किया जा सकता है।
साभार: हिन्दुस्थान समाचार