चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट में एसवाईएल के मुद्दे पर सुनवाई से पहले गुरुवार को पंजाब व हरियाणा के बीच हुई संयुक्त बैठक बेनतीजा रही. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की. पंजाब के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद एसवाईएल नहर के निर्माण से इनकार कर दिया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस बात के लिए दबाव बनाते रहे कि पंजाब द्वारा हरियाणा के हिस्से का पानी पाकिस्तान को दिया जा रहा है. जल बंटवारा बाद में किया जाएगा लेकिन मौजूदा हालातों में नहर का निर्माण जरूरी है. अब केंद्र सरकार बैठक की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जनवरी माह के दौरान होगी. इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा दोनों राज्यों के आला अधिकारी शामिल हुए.
करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बनी. बैठक से बाहर आकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब का 70 फीसदी हिस्सा डार्क जोन में आ चुका है. पंजाब के पास जब देने के लिए पानी ही नहीं है तो नहर के निर्माण का कोई औचित्य नहीं है. भगवंत मान ने कहा कि जब पानी को लेकर समझौता हुआ था, तब पंजाब के पास पानी था लेकिन आज पंजाब के पास पानी नहीं है. पंजाब सरकार लगातार जल आपूर्ति की स्थिति में सुधार को लगी हुई है. वर्तमान हालातों में न नहर का निर्माण पंजाब के हक में है और न ही जल बंटावारा पंजाब को मंजूर है. हरियाणा के आरोपों को निराधार करार देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं जा रहा है.
दूसरी तरफ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज एसवाईएल को लेकर मनोहर माहौल में बातचीत हुई है, लेकिन एक मान है कि मानता नहीं. मौजूदा चैनल 66 साल से भी पुराना है. पानी के नेचुरल फ्लो के लिए आर्टिफिशियल चैनल का निर्माण जरूरी है. हरियाणा को अनुबंध के अनुसार अपने हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है. इस समय हरियाणा माइक्रो इरीगेशन पद्धति अपनाकर पानी का प्रबंधन कर रहा है. बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने भी माइक्रो इरीगेशन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर हरियाणा की सराहना की है. हरियाणा को कांट्रैक्ट प्वाईंट पर फ्लो से भी 700 से 1000 क्यूसेक पानी कम मिल रहा है. आज तक हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान को दिया गया. अब इस मामले का समाधान होना चाहिए. पानी की उपलब्धता और बंटवारे को लेकर बाद में बात की जाएगी, कम से कम नहर का निर्माण तो किया जाए.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार